गुजरात से यूपी के लिए निकल पड़े मजदूर, 1200 किलोमीटर पैदल यात्रा कर पहुंचेंगे घर, सोशल डिस्टेंस का पूरा ख्याल

By बृजेश परमार | Published: April 17, 2020 06:03 PM2020-04-17T18:03:09+5:302020-04-17T18:03:44+5:30

7 मजदूरों का कारवां सोशल डिस्टेंश का पालन कर पैदल ही जा रहा,पुलिस को मानवीय बताया,गांव-गांव में सेवा की सराहना की

Laborers set out from Gujarat for UP, will travel 1200 km on foot, take full care of social distress | गुजरात से यूपी के लिए निकल पड़े मजदूर, 1200 किलोमीटर पैदल यात्रा कर पहुंचेंगे घर, सोशल डिस्टेंस का पूरा ख्याल

गुजरात से यूपी के लिए निकल पड़े मजदूर, 1200 किलोमीटर पैदल यात्रा कर पहुंचेंगे घर, सोशल डिस्टेंस का पूरा ख्याल

Highlightsकन्नौज निवासी राजेन्द्र कुमार ने बताया की 7 लोगों में तीन हरदोई , 2 कन्नौज निवासी हैं।कोरोना के कहर के चलते लाकडाउन और कर्फ्यू में हालात खराब होने के चलते सातों ने घर के लिए रवानगी का निर्णय लिया ओंर निकल पडे पैदल यात्रा पर।

उज्जैन:गुजरात में मजदुरी कर पेट पाल रहे युपी के 7 मजदूर लाक डाउन में अपने घर के लिए 1200 किलोमीटर की पैदल यात्रा पर निकल पडे हैं।सातों पैदल चलते समय भी सोशल डिस्टेंश के साथ ही मुंह पर मास्क लगाए रहते हैं। उन्होंने अब तक मिली पुलिस का चेहरा काफी मानवीय बताया और कहा कि मात्र दो जिलों में ही उनकी स्केनिंग की गई शेष जगह नहीं।

उत्तरप्रदेश के हरदोई, कन्नोज एवं पास के जिलों में रहने वाले राजेन्द्र कुमार,विमलेश एवं हिम्मतराम सहित 7 लोग गुजरात के पचमहल जिला के आलोल तहसील में रहकर मजदुरी कर अपना पेट पालते हैं ।इसके साथ ही दो पैसे अपने परिवार को भेजकर आर्थिक मदद में लगे हुए हैं।

कोरोना के कहर के चलते लाकडाउन और कर्फ्यू में हालात खराब होने के चलते सातों ने घर के लिए रवानगी का निर्णय लिया ओंर निकल पडे पैदल यात्रा पर। शनिवार को आलोल से सातों ने पदयात्रा शुरू की थी। गुरूवार देर रात वे उज्जैन पहुंचे। 

कन्नौज निवासी राजेन्द्र कुमार ने बताया की 7 लोगों में तीन हरदोई , 2 कन्नौज निवासी हैं। शेष 2 कानपुर के आसपास के रहने वाले हैं।उनके अनुसार आलोल से लेकर उज्जैन तक की उनकी करीब 300 किलोमीटर की पैदल यात्रा में कुछ यात्रा पुलिस के वाहनों से भी तय हुई है।

वे पचमहल से लेकर करीब पांच से 6 जिले लांघ कर उज्जैन पहुंचे हैं। इनमें से मात्र दो जिलों में ही उनकी स्केनिंग की गई शेष जिलों में उनसे स्वास्थ्य विभाग ने कोई संपर्क नहीं किया। उनके मुताबिक गुजरात हो या मध्यप्रदेश पुलिस का रवैया सभी जगह सहयोगी और मानवीय रहा ।

यहां तक की आदिवासी क्षेत्र में उन्हे पुलिस ने वाहन से यात्रा करवा कर जिले की सीमा तक छोड़ा। पैदल यात्रा के दौरान उन्हे ग्रामीण क्षेत्रों में कभी ग्रामीणों की और से और कभी पुलिस की और से भोजन के पैकेट मिल रहे हैं,जिससे उनकी उदरपूर्ति हो रही है। यात्रा में उन्हे सेवाभावी लोगों का काफी सहयोग मिल रहा है।जिन गांवों से वे पैदल गुजरते हैं वहां के ग्रामीण उनसे जानकारी लेने के बाद उन्हे खाद सामग्री उपलब्ध करवा रहे हैं।

यात्रा के 5 दिन के दौरान उन्हे अब तक कहीं भी भूखा नहीं रहना पड़ा। यात्रा के दौरान देर रात्रि को जो पेट्रोल पंप रास्ते में आ जाता है वे वहीं विश्राम कर लेते हैं।सुबह उठ कर आगे की यात्रा की शुरूआत करते हैं।एक से दुसरे जिले में प्रवेश के दौरान उनकी मात्र गुजरात से मध्यप्रदेश की सीमा झाबुआ जिले में प्रवेश के समय ही उनकी सामान्य जांच की गई थी। उसके बाद उज्जैन तक कोई जांच नहीं हुई है।शुक्रवार सुबह वे मक्सी के लिए रवाना होंगे वहां से आगरा –मुबई हाईवे पकड़कर आगरा की और आगे की यात्रा तय करेंगे। 

उनकी यह यात्रा करीब 1200 किलोमीटर की है और इसमें उन्हे 15 से अधिक दिन प्रतिदिन 50 से 100 किलोमीटर चलना होगा। उज्जैन एएसपी अमरेंद्रसिंह के अनुसार सूचना मिलने पर सभी 7 मजदुरों का टीम भेजकर स्केनिंग करवाया गया। सभी सामान्य थे।पीसीआर के जवानों ने उनसे जानकारी लेकर नोट भी की और रास्ता न भटके इसे लेकर उन्हे समझाईश भी दी।

Web Title: Laborers set out from Gujarat for UP, will travel 1200 km on foot, take full care of social distress

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