कुंभ 2019: मेले में यूपी पुलिस करेगी इस खास टेक्निक का इस्तेमाल ताकि गुम ना हो एक भी बच्चा

By मेघना वर्मा | Published: January 15, 2019 12:21 PM2019-01-15T12:21:27+5:302019-01-15T12:21:27+5:30

डीजीपी ने आगे बताया कि मेला क्षेत्र में इस बार 15 एंडवास और मॉर्डन तकनीक से लैस डिजिटल लॉस्ट एंड फाउंड सेंटर्स को बनाया गया है।

kumbh mela 2019 up police to use 40000 rfid tags on kids to ensure they dont get lost | कुंभ 2019: मेले में यूपी पुलिस करेगी इस खास टेक्निक का इस्तेमाल ताकि गुम ना हो एक भी बच्चा

कुंभ 2019: मेले में यूपी पुलिस करेगी इस खास टेक्निक का इस्तेमाल ताकि गुम ना हो एक भी बच्चा

मकर संक्राति के पहले शाही स्नान से प्रयागराज में होने वाले सबसे बड़े आयोजन कुंभ मेले का शुभारंभ भी हो चुका है। देश-विदेश से सैलानी यहां आस्था की डुबकी और पवित्र पर्व को मनाने आते हैं। करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं को जमावड़ा होता है इसलिए अक्सर लोगों को ये डर भी सतता है कि कहीं उनके बच्चे कुंभ के मेले में खो गए तो? मगर घबराइए नहीं इस बार यूपी पुलिस इस मसले का सामाधान लेकर आई है। कुंभ के इस भव्य मेले में पहली बार 14 साल तक के बच्चों को आसानी से ट्रेस किया जा सकेगा। 

RFID का होगा इस्तेमाल

यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने अपने एक बयान में कहा कि "कुंभ के मेले में आने वाले 50 दिनों में लगभग 12 करोड़ लोगों के आन का अनुमान लगाया जा रहा है। इतनी भारी संख्या में कोई भी बच्चा कहीं गुम ना हो जाए इस बात को पुलिस इनश्योर कर रही है। इसके लिए पहली बार मेले में 14 साल तक के बच्चों पर RFID यानी रेडियो फिक्वेंसी आईडेंटीफिकेशन का इस्तेमाल किया जाएगा। " आगे उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने वोडाफोन कंपनी से कोलैबरेट किया है जिसने मेला क्षेत्र में 40 हजार RFID टैग्स इस्तेमाल करने को कहा है। 

क्या है RFID

आपको बता दें RFID एक वायरलेस कम्युनिकेशन होता है जो इलेक्ट्रो-मैगनेटिक और इलेक्ट्रोस्टैटिक कपलिंग की तरह रेडियो फ्रिकवेंसी की तरह यूनिक आईडेंटिफिकेशन या ऑब्जेक्ट को ढूंढने का काम करता है। इसकी मदद से हम किसी भी चीज या इंसान को उसके यूनीक नंबर्स से आसानी से पहचान सकते हैं। 

LED के माध्यम से पहुंचाई जाएगी जानकारी

डीजीपी ने आगे बताया कि मेला क्षेत्र में इस बार 15 एंडवास और मॉर्डन तकनीक से लैस डिजिटल लॉस्ट एंड फाउंड सेंटर्स को बनाया गया है। इन सभी सेंटर्स को जिला पुलिस और सोशल मीडिया की टीम लीड करेगी। वहीं मेला क्षेत्र में एलईडी के माध्यम से सभी तरीके की जानकारी लोगों तक पहुंचाई जाएगी ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े। 

ट्रैफिक मैनेजमेंट पर भी खास ध्यान

ट्रैफिक मैनेज करने के लिए इस बार यूपी पुलिस इंटिग्रेटेड सिस्टम और रूट डाइवर्जन का इस्तेमाल करेगी। आपको बता दें इस नए  सिस्टम से किसी भी गाड़ी को उसकी कलर, नंबर प्लेट और लाइसेंस प्लेट और डेट टाइम इंफोर्मेंशन से डिडक्ट कर लेगी। 

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