कुलगाम हमला: सुरक्षाबलों ने राजौरी-पुंछ में हुए हमलों से कोई सबक नहीं लिया

By सुरेश एस डुग्गर | Published: August 7, 2023 11:15 AM2023-08-07T11:15:56+5:302023-08-07T11:21:26+5:30

कश्मीर के कुलगाम स्थित हलन गांव में आतंकियों ने ठीक उसी प्रकार की रणनीति अपनाते हुए 4 अगस्त को तीन जवानों की जान ले ली थी, जिस प्रकार उन्होंने राजौरी व पुंछ में 10 जवानों को मार डाला था।

Kulgam attack: Security forces did not learn any lesson from the attacks in Rajouri-Poonch | कुलगाम हमला: सुरक्षाबलों ने राजौरी-पुंछ में हुए हमलों से कोई सबक नहीं लिया

कुलगाम हमला: सुरक्षाबलों ने राजौरी-पुंछ में हुए हमलों से कोई सबक नहीं लिया

Highlightsकुलगाम में आतंकियों ने ठीक उसी तरह से हमला किया है, जैसे उन्होंने राजौरी व पुंछ में किया था कुलगाम में आतंकियों ने सेना के जवानों पर उस वक्त हमला किया, जब वो टेंट लगा रहे थेआतंकियों ने ठीक राजौरी व पुंछ हमले की तरह कुलगाम में हमला किया, जिसमें तीन जवानों मारे गये

जम्मू: कश्मीर के कुलगाम स्थित हलन गांव में आतंकियों ने ठीक उसी प्रकार की रणनीति अपनाते हुए 4 अगस्त को तीन जवानों की जान ले ली थी, जिस प्रकार उन्होंने राजौरी व पुंछ में 10 जवानों को मार डाला था। उसी रणनीति के तहत ही उन्होंने मौके से चार एके 47 राइफलों को भी लूट लिया था।

जानकारी के अनुसार आतंकियों ने उस समय हलन गांव में सेना की 34वीं राष्ट्रीय रायफल्स के जवानों पर हमला बोला था जब वे कश्मीर पुलिस के साथ मिल कर एक टेंट गाड़ रहे थे। हमलावर आतंकियों को इसके प्रति पूर्व सूचना थी कि सुरक्षाबल वहां पर एक समारोह के लिए एकत्र हुए हैं। इस हमले में 3 जवानों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। जिनमें सेना के दो और कश्मीर पुलिस का एक जवान था।

हालांकि सेना के दो अन्य जवान भी गंभीर रूप से जख्मी हैं जिनका इलाज चल रहा है। इस हमले की खास बात यह थी कि आतंकी घटनास्थल से जवानों की 4 एके 47 राइफलें भी लूटने में कामयाब हुए थे, जिस पर अभी तक सेना द्वारा चुप्पी साधी गई है।

सूत्रों के अनुसार यह हमला ठीक वैसा ही था जिस तरह से आतंकियों ने पुंछ के भाटा धुरियां में इस साल 20 अप्रैल को सेना के उस वाहन को राकेट लांचर से उड़ा दिया था जो रोजादारों के लिए सामान लेकर जा रहा था और उसमें पांच जवान मारे गए थे।

20 अप्रैल को हुए इस हमले के करीब 17 दिनों के बाद फिर से आतंकियों ने हमला बोला था और अबकी बार उन्होंने पुंछ से सटे राजौरी जिले के केसर इलाके में सेना के पांच जवानो को मार डाला था। सत्रह दिनों के अरसे में सेना ने पहली बार इतनी संख्या में अपने जवान खोए थे। पर इसके बावजूद वह इन हमलों से सबक नहीं ले पाई और न ही जवानों की मूवमेंट की सूचनाओं को लीक होनेसे रोक पाई।

बताया जाता है कि कुलगाम के जिस इलाके में हमला हुआ वहां आसपास घने जंगलों में बड़ी संख्या में आतंकियों के छुपे होने की खबरें तो थीं पर उनको हल्के तौर पर लेते हुए इलाके की छानबीन ही नहीं की गई थी। नतीजा अब चार दिनों से सैंकड़ों जवान और दर्जनों ड्रोन इन हमलावर आतंकियों की थाह तक नहीं पा सके हैं।

Web Title: Kulgam attack: Security forces did not learn any lesson from the attacks in Rajouri-Poonch

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