भारत ने पाकिस्तान की उसकी कैद में रह रहे भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव तक पहुंच देने के प्रस्ताव को फिलहाल स्वीकार नहीं किया है। अंतरराष्ट्रीय न्यायिक अदालत, आईसीजे, ने पाक को आदेश दिया था कि वह भारत को त्वरित आधार पर कुलभूषण जाधव तक काउंसलर पहुंच दे। पाक ने जाधव को भारतीय जासूस करार देते हुए ईरान से अपहृत कर कैद कर लिया था।
भारत ने कहा है कि जिस शर्त के साथ पाक ने काउंसलर पहुंच का प्रस्ताव दिया है, वह वियना संधि के नियमों के अनुकूल नहीं है। पाक ने सीसीटीवी कैमरों की निगरानी के साथ ही अपने अधिकारी की उपस्थिति में काउंसलर पहुंच देने का इरादा व्यक्त किया है। जबकि काउंसलर पहुंच का नियम यह है कि यह बिना किसी दबाव या डर के माहौल में होना चाहिए। जाधव इस समय पाक की जबरन कैद में है और ऐसे में पाक अधिकारियों की उपस्थिति और सीसीटीवी निगरानी में वह अपने मन की बात भारतीय अधिकारियों को नहीं कह पाएगा। यही वजह है कि पाक की सशर्त पहुंच को नकार दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक भारत ने पाक को अपने इनकार से अवगत करा दिया है। एक अधिकारी ने कहा कि हम अब पाक के नए प्रस्ताव का इंतजार कर रहे हैं। वियना नियमों के तहत यह स्पष्ट तौर पर उल्लेखित है कि जब भी किसी कैदी तक दूसरे देश को पहुंच दी जाए तो वह स्वतंत्र माहौल हो। उस पर किसी तरह के दबाव या डर का वातावरण न हो। जाधव मामले में पाक की काउंसलर पहुंच में डर और भय का माहौल बना रहेगा।
इसकी वजह यह है कि पाक ने न केवल सीसीटीवी में इस मुलाकात को दर्ज करने का नियम शामिल किया है बल्कि साथ ही कहा है कि वह अपने अधिकारी को भी मुलाकात के समय वहां पर रखेगा। ऐसे में यह स्वतंत्र बातचीत के माहौल का मखौल है। जिसे लेकर पाक को आपत्ति दर्ज करा दी गई है।
हमें उम्मीद है कि इंटरनेशनल कोर्ट आफॅ जस्टिस के आदेश का पाक पालन करेगा। वह जल्द ही वियना नियमों के तहत पूर्ण काउंसलर एक्सेस—पहुंच देगा। जो भयमुक्त और पूरी तरह से स्वतंत्र पहुंच होगी।