कोविड-19 : संक्रमित उम्मीदवारों ने भी दी मप्र राज्य सेवा परीक्षा, डॉक्टर और नर्स बने पर्यवेक्षक
By भाषा | Published: March 21, 2021 01:18 PM2021-03-21T13:18:44+5:302021-03-21T13:18:44+5:30
इंदौर (मध्यप्रदेश), 21 मार्च कोविड-19 के लॉकडाउन के साये में यहां रविवार को आयोजित राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2019 के दौरान एक केंद्र का नजारा कुछ जुदा था। इस केंद्र में अलग व्यवस्था के तहत चार संक्रमित उम्मीदवार भी परीक्षा में शामिल हुए, जबकि डॉक्टर और नर्स पीपीई किट पहनकर पर्यवेक्षक की भूमिका निभाते नजर आए।
कोविड-19 की रोकथाम के लिए नोडल अधिकारी अमित मालाकार ने "पीटीआई-भाषा" को बताया कि राज्य लोक सेवा आयोग के अनुरोध पर शहर के मोती तबेला क्षेत्र स्थित माता जीजाबाई शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय में उन उम्मीदवारों के लिए अलग परीक्षा केंद्र बनाया गया, जो महामारी से संक्रमित हैं।
उन्होंने बताया, "इस परीक्षा केंद्र में पर्यवेक्षकों के रूप में दो डॉक्टरों और दो नर्सों की ड्यूटी लगाई गई। उन्होंने कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक पीपीई किट पहनकर इसे अंजाम दिया।"
मालाकार ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित उम्मीदवारों को परीक्षा केंद्र तक लाने-ले जाने के लिए एम्बुलेंस का इंतजाम भी किया गया था।
माता जीजाबाई शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय के परीक्षा केंद्र की अध्यक्ष सुमित्रा वास्केल ने बताया कि चार संक्रमित उम्मीदवारों ने इस शिक्षण संस्थान के अलग कक्ष में राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2019 में भाग लिया।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 की राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 21 मार्च (रविवार) से ही शुरू हुई है और 26 मार्च तक चलेगी। इस अवधि में कोरोना वायरस से संक्रमित उम्मीदवारों के लिए परीक्षा की अलग व्यवस्था रहेगी।
इस बीच, प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने इंदौर में कोविड-19 के लॉकडाउन के चलते आम जन-जीवन की अधिकांश गतिविधियां रविवार को थम गईं और शहर की मुख्य सड़कों व बाजारों में सन्नाटा पसर गया।
चश्मदीदों ने बताया कि मुख्य सड़कों पर पुलिस कर्मियों की तैनाती रही और वे आने-जाने वाले इक्का-दुक्का लोगों से उनके बाहर घूमने का सबब पूछते दिखाई दिए।
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