कोरेगांव- भीमा जांच आयोग ने उपयुक्त स्थान मिलने तक सुनवाई स्थगित की

By भाषा | Published: November 1, 2021 07:08 PM2021-11-01T19:08:31+5:302021-11-01T19:08:31+5:30

Koregaon- Bhima Inquiry Commission adjourned the hearing till a suitable place is found | कोरेगांव- भीमा जांच आयोग ने उपयुक्त स्थान मिलने तक सुनवाई स्थगित की

कोरेगांव- भीमा जांच आयोग ने उपयुक्त स्थान मिलने तक सुनवाई स्थगित की

पुणे, एक नवंबर महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक स्मारक के पास जनवरी 2018 में हुई हिंसा की तहकीकात कर रहे कोरेगांव-भीमा जांच आयोग ने राज्य सरकार से कहा है कि वह सभी नियत सुनवाई को तब तक के लिए स्थगित कर रहा है जब तक कि वह कामकाज करने के लिए उसे मुंबई में "उपयुक्त स्थान" उपलब्ध नहीं करा देती है।

दो सदस्यीय आयोग की अगुवाई न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जेएन पटेल कर रहे हैं। आयोग के वकील आशीष सातपुते ने सोमवार को पीटीआई-भाषा से कहा कि आयोग फिलहाल मुंबई में राज्य सूचना आयोग के कार्यालय के परिसर से कामकाज कर रहा है, और जगह छोटी होने की वजह से कोविड -19 नियमों का पालन करना मुश्किल हो रहा है।

राज्य के मुख्य सचिव और अन्य सरकारी अधिकारियों को 31 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में, आयोग के सचिव वी वी पलनितकर ने कहा कि आयोग सरकार से अनुरोध कर रहा है कि उसे जल्द से जल्द मुंबई में एक उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराया जाए।

उसमें कहा गया है कि आयोग ने आठ से 12 नवंबर 2021 तक प्रस्तावित सुनवाई के बारे में सरकार को जानकारी दी थी। पत्र के मुताबिक, “28 अक्टूबर को हुई बैठक में आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति जेएन पटेल ने गृह विभाग के मुख्य सचिव को सलाह दी थी कि वह इस मुद्दे को सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय में उठाएं और तत्काल आधार पर उपयुक्त स्थान हासिल करें। यह भी स्पष्ट किया गया था कि अगर 29 अक्टूबर 2021 तक उपयुक्त स्थान उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो आयोग सुनवाई स्थगित कर देगा।”

पत्र में कहा गया है, “दुर्भाग्य से, आयोग को उपयुक्त स्थान की उपलब्धता के बारे में 31 अक्टूबर 2021 तक सरकार से कुछ भी जानकारी नहीं मिली।” पत्र के मुताबिक, लिहाज़ा आयोग के पास कोई और विकल्प नहीं है और वह मुंबई में सरकार द्वारा उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराए जाने तक सभी सुनवाई स्थगित कर रहा है।

जांच आयोग ने कोविड-19 के कारण लागू पाबंदियों की वजह से करीब 14 महीने के अंतराल के बाद इस साल अगस्त में मामले में सुनवाई फिर से शुरू की थी। 1818 में हुई लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी की फौज में शामिल महार दलित समुदाय के सिपाहियों ने पुणे के शासक ब्राह्मण पेशवा की सेना को हरा दिया था। इस जीत की दो शताब्दी पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान एक जनवरी 2018 को कोरेगांव भीमा स्मारक के पास हिंसा भड़क गई थी।

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Web Title: Koregaon- Bhima Inquiry Commission adjourned the hearing till a suitable place is found

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