Kollam Crime News: दक्षिणी केरल के पूयाप्पल्ली से छह साल की बच्ची अपहरण के 21 घंटे से अधिक समय बाद मंगलवार दोपहर को यहां एक सार्वजनिक मैदान में लावारिस लेकिन सुरक्षित मिली। पुलिस और स्थानीय निकाय के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि बच्ची मिल गई है और उसे मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया है।
टीवी पर प्रसारित वीडियो में नजर आ रहा था कि पुलिस अधिकारी ने बच्ची को गोद में उठाकर वाहन में बिठाया और उसे मेडिकल जांच के लिए ले गए। बच्ची को कोल्लम आश्रम मैदान में छोड़े जाने की जानकारी उस वक्त मिली जब पुलिस बेसब्री से बच्ची की तलाश में जुटी थी।
इससे पहले दिन में जहां राज्य के मंत्रियों ने पुलिस जांच पर भरोसा जताया वहीं, कांग्रेस की युवा शाखा ने लड़की के बचाव में देरी को लेकर पूयाप्पल्ली पुलिस थाने के बाहर मौन प्रदर्शन किया और जांच पर अपना असंतोष व्यक्त किया। पुलिस ने कहा था कि अपहृत बच्ची का पता लगाने के लिए मामले से जुड़े सभी पहलुओं पर गौर किया जा रहा है और एक संदिग्ध अपहरणकर्ता का ‘स्केच’ भी जारी किया है।
पुलिस को दिए गए लड़की के आठ वर्षीय भाई के बयान के अनुसार, एक महिला समेत संभवत: चार अपहरणकर्ता एक सफेद कार में आए और उन्होंने अपने भाई के साथ ट्यूशन जा रही बच्ची का अपहरण कर लिया। पूयाप्पल्ली थाने के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया था कि जब लड़के ने अपहरणकर्ताओं को रोकने की कोशिश की तो उन्होंने उसे एक तरफ धकेल दिया और लड़की को कार में बिठाकर फरार हो गए। उन्होंने कहा कि बहन को बचाने की कोशिश में भाई के घुटनों में चोट लग गई।
पुलिस ने बताया कि यह घटना सोमवार को शाम चार से साढ़े चार बजे के बीच हुई। इस बीच, टेलीविजन समाचार चैनलों ने कहा था कि लड़की के माता-पिता को अपहरणकर्ताओं की ओर से फिरौती के लिए दो बार फोन आया है। उनके अनुसार, अपहरणकर्ताओं ने शुरू में पांच लाख रुपये की मांग रखी जिसे बाद में बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया था।
टीवी चैनलों पर प्रसारित दूसरी बार आई कॉल की रिकॉर्डिंग के अनुसार, अपहरणकर्ताओं ने कहा था कि लड़की सुरक्षित है और 10 लाख रुपये देने पर मंगलवार सुबह उसे वापस कर दिया जाएगा। अपहरणकर्ताओं ने माता-पिता को इस बारे में पुलिस को सूचना न देने की धमकी भी दी थी। इससे पहले, अपहरण के कुछ घंटे बाद माता-पिता के पास कॉल आई थी।
पांच लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी। पुलिस ने लड़की की तलाश तेज कर दी थी और दक्षिणी जिलों कोल्लम, पत्तनमत्तिट्ठा और तिरुवनंतपुरम में सभी प्रमुख और छोटी सड़कों पर वाहनों की जांच की जा रही थी। सामने आए दृश्यों में पुलिस अधिकारी सड़कों पर वाहनों विशेषकर सफेद रंग के वाहनों की जांच करते हुए दिख रहे थे। बच्चों के माता-पिता दो अलग-अलग निजी अस्पतालों में नर्स हैं।