Kolkata doctor rape-murder case: 'नबन्ना अभियान' के तहत सचिवालय तक छात्रों का मार्च, रखी ये बड़ी मांग, 5000 पुलिसकर्मी तैनात
By आकाश चौरसिया | Updated: August 27, 2024 10:09 IST2024-08-27T09:47:16+5:302024-08-27T10:09:23+5:30
Kolkata doctor rape-murder case: 'नबन्ना अभियान' के तहत सचिवालय तक छात्रों आज मार्च करने जा रहे हैं और इसी के साथ उन्होंने ये बड़ी मांग कर दी है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने करीब 6000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की हुई है।

फोटो क्रेडिट- (एक्स)
Kolkata doctor rape-murder case: पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर के बाद मामले में सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ली। इसके बाद मुख्य गुनहगार ने अपने आरोपों को स्वीकार किया। इस क्रम में आज यानी मंगलवार को राज्य सचिवालय यानी नबन्ना भवन के पास 'नबन्ना अभियान' मार्च होने जा रहा है, जिसमें पुरजोर तरीके से ये मांग रखी जाएगी कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने पद से इस्तीफा दें। गौरतलब है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में रेप के बाद मर्डर होने पर पीड़िता की मृत्यु हो गई थी। पश्चिमबंगा छात्र समाज नामक संगठन के बैनर तले यह मार्च बुलाया गया है।
East Medinipur, West Bengal: Pingla pot artists are calling for justice in the Kolkata Doctor Rape-Murder Case through paintings and songs. People from various backgrounds, including political parties and students, are joining the movement. The artists demand justice for victims… pic.twitter.com/ATYCrzX1AN
— IANS (@ians_india) August 27, 2024
जबकि, छात्र संगठन 'पश्चिमबंगा छात्रो समाज' ने जोर देकर कहा कि उनकी 27 अगस्त की 'नबन्ना अभिजन' रैली शांतिपूर्ण होगी और ममता बनर्जी के इस्तीफे और रेप-हत्या मामले के लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की मांग पर केंद्रित होगी। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कोलकाता सुप्रतिम सरकार ने सोमवार को कहा कि मार्च आयोजित करने के समूह के आवेदन को खारिज कर दिया है।
#WATCH | West Bengal: Security personnel deployed across Kolkata and all Police arrangements in wake of a march to Nabanna, called over RG Kar Medical College and Hospital rape-murder case.
— ANI (@ANI) August 27, 2024
Visuals from Santragachi Barricade in Howrah. pic.twitter.com/8cZn9q0VV9
नबन्ना अभियान रैली से पहले टीएमसी और बीजेपी के बीच तनाव बढ़ गया है। टीएमसी ने बीजेपी पर हिंसा की साजिश का लगाया आरोप लगाया है, जबकि बीजेपी ने ममता बनर्जी को दोषी ठहराया है।
फिलहाल मार्च को लेकर राज्य सरकार ने कई जगहों पर पुलिस की तैनाती की हुई है, जिनकी संख्या करीब 6000 बताई जा रही है। दूसरी तरफ इस मार्च पर राज्य पुलिस ने नबन्ना अभियान रैली से पहले रैली को अवैध घोषित कर दिया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, नबन्ना में पत्रकारों को संबोधित करते हुए, एडीजी (कानून और व्यवस्था) मनोज वर्मा ने कहा कि पुलिस को विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली है कि उपद्रवियों द्वारा प्रदर्शनकारियों के बीच घुलने-मिलने और रैली के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा और अराजकता भड़काने की कोशिश की जाएगी। साथ ही बताया कि राज्य सरकार ने पहले ही बीएनएसएस की धारा 163 के तहत नबन्ना के पास पांच या अधिक व्यक्तियों के जमावड़े को रोकने के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
इसके साथ ही राजभवन की ओर से सोमवार शाम को गर्वनर सीवी आनंद बोस ने राज्य सरकार से निवेदन करते हुए कहा था कि आयोजित रैली पर किसी तरह का बल प्रयोग नहीं किया जाए। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परिसर में एक महिला प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या से पूरे देश में आक्रोश फैल गया। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया और तब से पीड़िता के लिए न्याय की मांग को लेकर कई विरोध प्रदर्शन किए गए।