Kolkata Doctor Rape-Murder: पूर्व प्राचार्य संदीप घोष का ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’?, सुप्रीम कोर्ट के बाद एक्शन में सीबीआई, तीन अधिकारी निलंबित, देखें वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 21, 2024 12:25 IST2024-08-21T12:05:42+5:302024-08-21T12:25:26+5:30
Kolkata Doctor Rape-Murder Case: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष का ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ कर सकते हैं।

file photo
Kolkata Doctor Rape-Murder: केंद्रीय जांच ब्यूरो आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट (Polygraph Test) कराने पर विचार कर रहा है। सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि लाई-डिटेक्टर परीक्षण इसलिए किया जाएगा, क्योंकि एजेंसी को पूछताछ के दौरान उनके कुछ जवाबों में "विसंगतियां" मिली थीं। घोष मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई कार्यालय पहुंचे थे। अस्पताल के सेमिनार कक्ष के अंदर एक 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। वह अपनी 36 घंटे की कठिन शिफ्ट के बीच आराम करने के लिए कमरे में चली गई थी। कोलकाता पुलिस ने संजॉय रॉय नाम के एक नागरिक स्वयंसेवक को इस जघन्य हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया, क्योंकि उसके ब्लूटूथ हेडफ़ोन शव के पास पाए गए थे।
The troubles for former R.G. Kar Medical College and Hospital principal Sandip Ghosh are mounting
— News18 (@CNNnews18) August 21, 2024
'He Sold Unclaimed Dead Bodies...': Former Deputy Superintendent Makes Big Claims Against Ex-RG Kar Principal
Listen in to this #Exclusive conversation@KamalikaSengupt@GrihaAtulpic.twitter.com/tcZyFhUMnc
कोलकाता पुलिस ने पिछले सप्ताह आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के सिलसिले में अपने तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि निलंबित पुलिसकर्मियों में दो सहायक पुलिस आयुक्त शामिल हैं।
CBI glare on ex-RG Kar College Principal!
— IndiaToday (@IndiaToday) August 20, 2024
Dr. Sandip Ghosh accused of corruption and financial misconduct#KolkataDoctorDeath#ITVideo#RGKarMedicalCollege | @PoojaShalipic.twitter.com/loFeZJVltG
कुछ लोगों ने 15 अगस्त को तड़के आरजी कर अस्पताल में घुसकर आपातकालीन विभाग, नर्सिंग स्टेशन और दवाघर में तोड़फोड़ की थी। आर जी कर अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के प्रदर्शन के बीच तोड़फोड़ की यह घटना हुई थी।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है... इनमें दो सहायक पुलिस आयुक्त और एक निरीक्षक शामिल है।’’ मामले की जांच जारी है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में नौ अगस्त को महिला चिकित्सक का शव मिला था। घटना के अगले पुलिस ने एक नागरिक स्वयंसेवक को वारदात में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया था।
इस अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ कथित तौर पर बलात्कार और उसकी हत्या किए जाने का मामला सामने आया है। घोष ने नौ अगस्त को अस्पताल के सम्मेलन कक्ष में पीड़िता का शव मिलने के दो दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वह पूछताछ के लिए कई बार केंद्रीय जांच एजेंसी के समक्ष पेश हो चुके हैं।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम घोष के जवाबों की और पुष्टि करना चाहते हैं, क्योंकि हमारे द्वारा पूछे गए प्रश्नों के कुछ उत्तरों में झोल है इसलिए हम उनका ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ कराने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं।’’ ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ के दौरान व्यक्ति द्वारा प्रश्नों के उत्तर दिए जाते समय एक मशीन की मदद से उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है और यह पता लगाया जाता है कि वह सच बोल रहा है या झूठ।
जांचकर्ताओं ने परास्नातक प्रशिक्षु चिकित्सक के कथित बलात्कार और हत्या के मामले की जांच के तहत घोष से मंगलवार को भी पूछताछ की थी। अधिकारी ने बताया कि सीबीआई अधिकारियों ने पिछले कुछ दिनों में घोष से विभिन्न सवाल पूछे हैं। उन्होंने बताया कि घोष से सवाल किए गए कि चिकित्सक की मौत की खबर मिलने के बाद उनकी क्या प्रतिक्रिया थी, शव मिलने के बाद उन्होंने किससे संपर्क किया।
उन्होंने माता-पिता को शव देखने के लिए करीब तीन घंटे तक इंतजार क्यों कराया आदि। अधिकारी ने बताया कि घोष से आरजी कर अस्पताल के उस सम्मेलन कक्ष से सटे कमरों के मरम्मत कार्य की अनुमति के बारे में भी पूछताछ की गई, जहां चिकित्सक का शव मिला था।
इससे पहले, सीबीआई ने स्थानीय अदालत से संजय रॉय का ‘पॉलीग्राफ टेस्ट’ कराने की अनुमति ली थी। रॉय को इस मामले में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने पिछले सप्ताह इस मामले की जांच कोलकाता पुलिस से अपने हाथ में ले ली थी।