मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के 29 विधायकों ने रविवार को शिंदे सरकार को अपना समर्थन दिया है। अजित पवार ने जहां डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है तो वहीं अन्य विधायकों को भी शिंदे सरकार के मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। इस बड़े घटनाक्रम पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस घटनाक्रम पर चिंता व्यक्त की है।
एनसीपी प्रमुख ने कहा, मेरे कुछ सहयोगियों ने अलग रुख अपनाया है। मैंने 6 जुलाई को सभी नेताओं की एक बैठक बुलाई थी जहां कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी थी और पार्टी के भीतर कुछ बदलाव किए जाने थे लेकिन उससे पहले बैठक में कुछ नेताओं ने अलग रुख अपनाया है।
उन्होंने शपथ लेने वाले अपने नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि दो दिन पहले पीएम ने एनसीपी को लेकर कहा था...उन्होंने अपने बयान में दो बातें कही थीं कि एनसीपी एक खत्म हो चुकी पार्टी है। उन्होंने सिंचाई की शिकायत और भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र किया। मुझे खुशी है कि मेरे कुछ साथियों ने शपथ ली है। इससे (एनडीए सरकार में शामिल होने) यह स्पष्ट है कि सभी आरोप मुक्त हो गए हैं।' मैं उनका आभारी हूं।
हालांकि शरद पवार ने यह भी कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। 1980 में मैं जिस पार्टी का नेतृत्व कर रहा था, उसके 58 विधायक थे, बाद में सभी चले गए और केवल 6 विधायक बचे, लेकिन मैंने संख्या को मजबूत किया और जिन्होंने मुझे छोड़ा वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हार गए।
उन्होंने कहा, मुझे बहुत से लोगों से फोन आ रहे हैं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य लोगों ने मुझे फोन किया है। आज जो कुछ भी हुआ मुझे उसकी चिंता नहीं है। कल, मैं वाईबी चव्हाण (महाराष्ट्र के पूर्व सीएम) का आशीर्वाद लूंगा और एक सार्वजनिक बैठक करूंगा।