चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को कहा कि आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई प्रदर्शनकारियों से कराने के लिए राज्य सरकार कड़ा कानून लाने पर विचार कर रही है।
सरकार की ओर से शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि खट्टर ने दिल्ली में संसद भवन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के बाद यह बयान दिया। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को किसान आंदोलन के विभिन्न पक्षों से भी अवगत कराया।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीएए आंदोलन के दौरान इस उपाय का लिया था सहारा-
बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देश के कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इन प्रदर्शनों के दौरान सरकारी व निजी संपत्ति को लगातार निशाना बनाया जा रहा था। यूपी, पश्चिम बंगाल सहित देश के कई राज्यों से बसों व गाड़ियों में आग लगाने के घटनाएं लगातार सामने आ रही थी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इसके बाद ही कहा था कि सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई दंगाईयों की संपत्ति बेचकर की जाएगी। इसके लिए सरकार ने सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण कानून भी बनाए थे।
सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण कानून 1984 क्या है?
सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण कानून 1984 एक तरह से प्रदर्शनकारी या अन्य को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए बनाया गया कानून है। अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो उसे पांच साल तक की सजा या जुर्माने या फिर दोनों हो सकते हैं। सार्वजनिक संपत्ति के रूप में ऐसे भवन या संपत्ति को माना गया है जिसका उपयोग जल, प्रकाश, शक्ति या ऊर्जा उत्पादन या वितरण में किया जाता है। लेकिन, अब आंदोलन को देखते हुए हरियाणा सरकार सार्वजनिक संपत्ति को बचाने के लिए एक नया और कड़ा कानून लाने पर विचार कर रही है। इसके संकेत मिल रहे हैं।
(एजेंसी इनपुट)