केरल: पीएम मोदी ने गुरुवायुर मंदिर में की विशेष पूजा-अर्चना, 112 किलो कमल के फूल से तौले गए
By विनीत कुमार | Published: June 8, 2019 10:41 AM2019-06-08T10:41:52+5:302019-06-08T10:45:31+5:30
पीएम मोदी शनिवार सुबह केरल के त्रिशूर में इस प्रसिद्ध गुरुवायुर मंदिर में पहुंचे। इस दौरान मंदिर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव और श्रीलंका के दौरे पर रवाना होने से पहले शनिवार सुबह केरल के गुरुवायुर मंदिर पहुंच कर विशेष-पूजा अर्चना की। भगवान कृष्ण का यह मंदिर त्रिशूर में है। पीएम मोदी शुक्रवार रात ही केरल पहुच गये थे और गेस्ट हाउस में रूके। दूसरी बार पीएम बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली केरल यात्रा है। पीएम मोदी को आज ही मालदीव और श्रीलंका की यात्रा पर भी रवाना होना है।
पारंपरिक परिधान में पहुंचे पीएम मोदी
पीएम मोदी शनिवार सुबह मंदिर से जुड़े पारंपरिक परिधान में त्रिशूर के इस प्रसिद्ध मंदिर में पहुंचे। इस दौरान मंदिर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे। पीएम मोदी सुबह करीब 10 बजे पहुंचे और अधिकारियों के साथ मंदिर में प्रवेश किया। इस दौरान उन्होंने कंधे पर शॉल ओढ़ रखी थी और दक्षिण भारत में पहने जाने वाले उजली धोती पहन रखी थी। पीएम मोदी का त्रिशूर के गुरुवायूर मंदिर में पूजन के अलावा एक जनसभा का भी कार्यक्रम है।
#WATCH Kerala: Prime Minister Narendra Modi offers prayers at Sri Krishna Temple in Guruvayur of Thrissur. pic.twitter.com/HB98hDQAFk
— ANI (@ANI) June 8, 2019
112 किलो कमल के फूल से पूजा
पीएम मोदी ने मंदिर में जाने से पहले 112 किलो कमल के फूल भी खरीदे। साथ ही उन्होंने 39, 421 रुपये का डिजिटल पेमेंट किया।पूजा के बाद पीएम मोदी को मंदिर की परंपरा के अनुसार कमल के फूलो से तोला गया। प्रधानमंत्री श्रीलंका से लौटने के बाद रविवार को तिरुमला के प्रसिद्ध भगवान वेंकेटेश्वर मंदिर में भी जाएंगे। पीएम रविवार की शाम कोलंबो से तिरुपति के निकट रेनीगुंटा हवाईअड्डे पर पहुंचेंगे। इसके बाद मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद दिल्ली रवाना हो जाएंगे।
आज से मालदीव और श्रीलंका की यात्रा
पीएम मोदी आज से दो दिन के मालदीव और श्रीलंका के दौरे पर रवाना हो रहे हैं। मोदी नौ जून को श्रीलंका की यात्रा पर जाएंगे। ईस्टर बम हमले के बाद हो रही इस यात्रा के जरिये मोदी श्रीलंका के साथ एकजुटता का संदेश देंगे। वहीं, 2011 के बाद प्रधानमंत्री स्तर की यह पहली मालदीव यात्रा होगी और इस दौरान दोनों ही पक्षों का लक्ष्य विभिन्न क्षेत्रों में आपसी संबंधों को और मजबूत करना है। हालांकि प्रधानमंत्री ने पिछले साल नवंबर में मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह के शपथग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था लेकिन वह पूर्ण रूप से द्विपक्षीय यात्रा नहीं थी।