केरल ने पर्यटकों के लिए बायो-बबल व्यवस्था की शुरुआत की
By भाषा | Updated: August 10, 2021 18:19 IST2021-08-10T18:19:02+5:302021-08-10T18:19:02+5:30

केरल ने पर्यटकों के लिए बायो-बबल व्यवस्था की शुरुआत की
तिरुवनंतपुरम, 10 अगस्त केरल में कोविड-19 महामारी से बेहद प्रभावित पर्यटन क्षेत्र को उबारने और पर्यटकों को संक्रमण के जोखिम से सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने एक ‘सुरक्षात्मक घेरा’ (बायो-बबल) व्यवस्था की शुरुआत की।
केरल पर्यटन विभाग ने मंगलवार को जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि सुरक्षात्मक घेरा एक सुरक्षित वातावरण मुहैया कराता है। इसके तहत स्थानों को छिड़काव के जरिए संक्रमण मुक्त किया जाएगा और पर्यटकों के संपर्क मे सिर्फ टीके की खुराक ले चुके लोग ही आएंगे।
बयान में बताया गया, ‘‘यह सुरक्षा घेरा यह सुनिश्चित करेगा कि केरल में किसी भी हवाईअड्डे पर पहुंचने वाले पर्यटकों से केवल वही कर्मचारी मिलेंगे जिनका टीकाकरण हो चुका होगा। हवाईअड्डे से उन्हें यात्रा प्रबंधकों द्वारा गंतव्य के लिए ऐसी कैब मुहैया कराई जाएगी, जिनके चालकों का टीकाकरण किया जा चुका हो। इसी तरह की व्यवस्था पर्यटकों को होटल, रिजॉर्ट और होम स्टे में उपलब्ध होगी।’’
केरल में सोमवार को सभी पर्यटन केंद्र फिर से खुल गए और इन स्थलों पर उन्हीं पर्यटकों को जाने की अनुमति होगी, जिन्होंने कम से कम टीके की एक खुराक ली हो या जिनके पास 72 घंटे पहले निगेटिव आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट हो।
केरल ने पर्यटन स्थलों में पूरी आबादी का टीकाकरण करने के लिए एक बेहद सफल और लक्षित अभियान शुरू किया है और वायनाड का व्याथिरी यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला गंतव्य स्थल बन गया।
विज्ञप्ति में बताया गया कि बायो-बबल मॉडल केरल के पर्यटन मंत्री पी ए मोहम्मद रियास द्वारा सभी पर्यटन स्थलों को शत-प्रतिशत सुरक्षित क्षेत्र बनाते हुए महामारी से तबाह पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र को पटरी पर लाने की सुनियोजित और समयबद्ध योजनाओं का हिस्सा है।
रियास ने कहा, ‘‘ जहां तक केरल में पर्यटन क्षेत्र की बात है तो यहां मेहमानों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। यह व्यवस्था यह सुनिश्चित करती है कि पर्यटक राज्य में पूरी तरह से जोखिम मुक्त रहें।
केरल में अब तक राज्य की कुल आबादी के 43.37 फीसदी लोगों को टीके की एक खुराक लगाई गई है जबकि 18.08 फ़ीसदी आबादी को टीके की दोनों खुराक लग चुकी है।
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