तिरूवनंतपुरम, 20 अगस्त: केरल में आई 100 साल की सबसे भीषण बाढ़ में सेना के जवान की बहादुरी और जज्बे को देखकर हर कोई इन पर गर्व कर रहा है। भारतीय सेना बाढ़ के सामने जिस तरह चट्टान बनकर खड़ी है, उस से कई मासूम, बुजुर्गों और महिलाओं के चेहरे पर खुशी आई है। केरल बाढ़ से जुड़ी सेना की दिलेरी भरी कई वीडियो सामने आए हैं। एक विडियो में दिखाई देता है कि खराब मौसम और जोखिम भरे हालात के बावजूद भारतीय वायुसेना के एक युवा अफसर मासूम बच्चे को सुरक्षित तरीके से घर की छत से एयरलिफ्ट करते हैं। इस वीडियो को भारतीय वायुसेना ने अपने ट्विटर पेज पर शेयर किया है।
-इस वीडियो में आप साफ देख सकते हैं कि विंग कमांडर प्रशांत चॉपर से जुड़ी रस्सी के सहारे दो मंजिला घर की छत पर उतरते हैं। उसके बाद ऑफिसर बड़ी ही सावधानी के साथ 2 साल के मासूम बच्चे को एयरलिफ्ट करते हैं। इस दौरान वह बच्चे को अपने शरीर से चिपकाए रहते हैं, जिससे उसे कोई खतरा न हो।
-एक अन्य वायरल हुई वीडियो में दिखाई देता है कि कुछ लड़कियां कई दिनों से बिना खाने और पानी के अपने हॉस्टल रूम में फंसी हुईं रहती हैं, भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर से उन सभी को सुरक्षित बचा लिया जाता है।
- इसके अलावा वायुसेना के ट्विटर पेज एक तस्वीर और वीडियो शेयर की गई है, एक बुजुर्ग महिला को किस तरह बचाया गया है। वह भी इतने सुरक्षित तरीके से, ताकी उस बुजुर्ग महिला को किसी तरह का कोई डर ना लगे।
- वायुसेना के ट्विटर पेज पर कई वीडियो और फोटो हैं, जो ये साबित कर रही है कि सेना अपनी जान जोखिम में डालकर सबकी जान बचाने में लगे हुए हैं।
- इसके अलावा इंडियन नेवी ने एक विडियो जारी किया है, जिसमें देखा जा सकता है कि नेवी का एक हेलिकॉप्टर एक गर्भवती महिला को किस कदर बचा रहा है। वह महिला बाढ़ में फंसी थी। जानकारी के मुताबिक, महिला की मदद के लिए डॉक्टर को भी नीचे उतारा गया था। विडियो में देखा जा सकता है कि महिला की मदद के लिए हेलिकॉप्टर से रस्सी लटकाई जाती है, जिसे महिला की कमर से ऊपर बांध दिया जाता है और धीरे-धीरे उन्हें ऊपर खींच लिया जाता है। इस दौरान महिला के गर्भाशय से लगा वॉटर बैग भी लीक हो गया था। बाद में महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित है।
- वहीं सोशल मीडिया पर एक और वीडियो देखने को मिला है, जिसमें एक आम व्यक्ति पानी में झुका हुआ दिखाई देता है, जिससे उसके ऊपर पैर रखकर महिलाएं नौका में बैठ सकें। यह विडियो वायरल हो गया है।
बता दें कि भारी बारिश से केरल के हालात काफी खराब हैं। हजारों लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। 8 अगस्त से दूसरी बार शुरू हुई बारिश में 10 दिनों के भीतर मरनेवालों की संख्या 197 हो गई है। अब तक कुल मरने वालों की संख्या 350 के पार हो गई है। पूरे देश से केरल में आर्थिक सहायता मांगी जा रही है। पीएम नरेन्द्र मोदी भी केरल का जायजा ले चुके हैं। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने 19 अगस्त को कहा कि उनका राज्य बाढ़ से तबाह केरल को तीन करोड़ रुपये की सहायता देगा। राज्य में 29 मई को मॉनसून के आगमन के बाद से कुल मिलाकर बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में अब तक तकरीबन 400 लोगों की मौत हुई है। इससे राज्य के पर्यटन उद्योग को काफी झटका लगा है। बाढ़ में हजारों एकड़ जमीन पर खड़ी फसल तबाह हो गई है और आधारभूत संरचना को भारी क्षति पहुंची है।
राज्य में ऊंचाई वाले इडुक्की, मलप्पुरम, त्रिशूर और एर्नाकुलम जिले बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित हैं। इसकी वजह से मुल्लापेरियार बांध और इडुक्की जलाशयों को खोला गया है, इसलिये अन्य जलाशय भी बाढ़ का अनुप्रवाह पैदा कर रहे हैं। केरल के ज्यादातर हिस्सों को आज बारिश से राहत मिली। वहां पिछले तकरीबन दो हफ्ते से वस्तुत: लगातार बारिश हो रही थी। कई जिलों से रेड अलर्ट को हटा लिया गया है। पिछले दो दिनों में केरल में बारिश की तीव्रता कम हुई है। मौसम विभाग ने कहा कि अगले चार दिनों में भारी वर्षा की कोई चेतावनी नहीं है।
बता दें कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) कर्मियों के अलावा सेना, नौसेना, वायुसेना के कर्मियों ने बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित इलाकों में अपने-अपने घरों की छतों, ऊंचे स्थानों पर फंसे लोगों को निकालने का बड़ा कार्य शुरू किया। ऊंचाई वाले इलाकों में पहाड़ों के दरकने के कारण चट्टानों के टूटकर नीचे सड़क पर गिरने से सड़कें अवरुद्ध हो गयीं जिससे वहां रहने वालों और गांवों में बचे लोगों का संपर्क बाकी की दुनिया से कट गया। ये गांव आज किसी द्वीप में तब्दील हो गये हैं।
महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों समेत सैकड़ों लोग ऐसी जगहों पर फंसे हैं जहां नौका से पहुंच पाना मुश्किल है। उन लोगों को रक्षा मंत्रालय के हेलीकॉप्टर की मदद से निकाला गया और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन में रह रहे प्रवासी केरलवासी अपने-अपने प्रियजन की मदद की खातिर टीवी चैनलों के माध्यम से अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं।
(भाषा इनपुट)