जम्मूः कश्मीर के बाद जम्मू में भी कोरोना की तीसरी लहर दस्तक देनी लगी है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसे तीसरी लहर के तौर पर निरूपित नहीं किया जा रहा है पर जिस तरह से मामले बढ़ते जा रहे हैं और कई इलाकों को तेजी के साथ रेड जोन घोषित किया जा रहा है, लोगों को आशंका है कि तीसरी लहर जल्द ही दस्तक देगी।
दरअसल श्रीनगर के बाद अब जम्मू जिले में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों ने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। कल भी जम्मू में कोरोना संक्रमण के 58 मामले आए। यह एक महीने में सबसे अधिक थे। इनमें सिदड़ा के तवी विहार की गली नंबर-28 से ही 12 मामले हैं। इस क्षेत्र को माइक्रो कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है।
वहीं, यात्री बस से सफर करने वाले छह लोगों में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। हालांकि जम्मू कश्मीर में कोरोना के मामले आना जारी है। कल भी 14 यात्रियों सहित कुल 192 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। वहीं अब तक 3,38,390 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। वहीं 135 मरीजों के स्वस्थ होने के बाद अब तक 3,32,205 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
नेशनल हेल्थ मिशन से मिले आंकड़ों के अनुसार बल आए 192 मामलों में से 134 कश्मीर और 58 जम्मू संभाग से आए थे। जम्मू संभाग में आए मामलों में जम्मू जिले में सबसे अधिक 33 मामले हैं। यह एक महीने में सबसे अधिक हैं। जम्मू के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डा जेपी सिंह ने बताया कि अभी तक विदेश से आए दो लोगों में ही संक्रमण की पुष्टि हुई है। इन सभी के संपर्क में आने वालों के भी टेस्ट किए जा रहे हैं।
ऐसे में तीसरी लहर कर खतरा इसलिए भी महसूस किया जा रहा है क्योंकि एक सप्ताह के भीतर जम्मू जिले में तीन माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए जा चुके हैं। सबसे पहले तीन दिसंबर को तालाब तिल्लो के सरस्वती विहार में दो परिवारों में पांच सदस्यों के संक्रमित आने पर इलाके को माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया गया था।
इसके बाद आठ दिसंबर को प्रशासन ने छन्नी रामा की गली नंबर एक को कंटेनमेंट जोन बनाया था। अब सिदड़ा की तवी विहार की गली नंबर 28 में 12 मामले आने पर जम्मू के डिप्टी कमिश्नर अंशुल गर्ग ने आदेश जारी कर इस क्षेत्र को माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाकर यहां आने-जाने पर रोक लगा दी है।
इस क्षेत्र में रहने वालों की जांच करने के अलावा वहां पर टीकाकरण अभियान में भी तेजी लाने को कहा गया है। जानकारी के लिए एक ही जगह पर तीन या इससे अधिक मामले आने पर उस क्षेत्र को माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया जाता है।