कर्नाटक: सिद्धारमैया सरकार किसानों की रायथा शक्ति योजना पर लगा सकती है रोक, 56 लाख किसानों को डीजल सब्सिडी से धोना पड़ सकता है हाथ
By अनुभा जैन | Published: July 14, 2023 12:27 PM2023-07-14T12:27:31+5:302023-07-14T12:32:13+5:30
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार भाजपा की पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई किसानों की रायथा शक्ति योजना पर लगाम लगा सकती है। अगर ऐसा होता है तो सूबे के लगभग 56 लाख किसानो को योजना से मिलने वाली सब्सिडी के लाभ से हाथ धोना पड़ सकता है।
बेंगलुरु:कर्नाटक की कांग्रेस सरकार भाजपा की पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई किसानों की रायथा शक्ति योजना पर लगाम लगा सकती है। पूर्ववर्ती बोम्मई सरकार ने साल 2022 में किसानों के लिए इस योजना की शुरूआत की थी। इस योजना के तहत किसान 250 रुपये प्रति एकड़ और अधिकतम पांच एकड़ तक डीजल सब्सिडी पाने के हकदार थे।
पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई की देखरेख में भाजपा सरकार ने कृषि मशीनीकरण को प्रोत्साहित करने और किसानों पर बिजली बिल का बोझ कम करने के लिए इस योजना की घोषणा की थी। खबरों के अनुसार सीएम सिद्धारमैया द्वारा पेश किये जाने वाले साल 2023-24 के बजट में इस योजना का कोई जिक्र नहीं है। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि कांग्रेस की मौजूदा सरकार भाजपा सरकार द्वारा शूरू की गई इस योजना पर रोक लगा सकती है।
जानकारी के अनुसार किसानों के बीच इस बाबत पर किसी तरह की कोई स्पष्टता नहीं है कि उन्हें इस साल रायथा शक्ति योजना का लाभ मिलेगा या नहीं। अगर सिद्धारमैया सरकार रायथा शक्ति योजना पर रोक लगाती है तो अनुमान है कि सूबे के लगभग 56 लाख किसानो को इस योजना के तहत पिछले साल मिली सब्सिडी की राशी से हाथ धोना पड़ सकता है।
सरकार ने रायथा शक्ति योजना के तहत सब्सिडी के मद में 412 करोड़ रुपये रखे हैं। हालांकि किसानों का कहना है कि इस योजना से 10 फीसदी से ज्यादा लाभार्थियों को फायदा नहीं हुआ है। बेलगावी के रायथा संघ के अध्यक्ष महादेव मडिवाल के अनुसार अगर सरकार राशि बढ़ाती है तो ऐसी सब्सिडी उनके लिए उपयोगी होगी। 250 रुपये प्रति एकड़ में उन्हें 3 लीटर डीजल मिलता है। किसान प्रति एकड़ कम से कम 5 लीटर प्राप्त करना चाह रहे हैं।
महादेव मडिवाल ने आरोप लगाया कि यह योजना केवल कागजों पर है और अभी तक लाभार्थियों तक नहीं पहुंची हैं। सरकार जल्द ही कर्नाटक के दो जिलों में पायलट आधार पर पंचतंत्र 2.0 सॉफ्टवेयर लॉन्च करेगी। ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री प्रियांक खड़गे ने गुरुवार को इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि कर्नाटक राज्य सरकार ने पंचतंत्र 2.0 सॉफ्टवेयर का परीक्षण शुरू कर दिया है और जल्द ही इसे पायलट आधार पर दो जिलों में पेश किया जाएगा।
मालूम हो कि पंचतंत्र 2.0 सॉफ्टवेयर ग्राम पंचायत जैसे स्थानीय निकाय के सभी प्रमुख कार्यों और संचालन को डिजिटलीकृत और केंद्रीकृत करने का एक मंच है। मंत्री खड़गे ने कहा कि सॉफ्टवेयर से पता चला है कि ग्राम पंचायतों में करीब 70 फीसदी बैठकें कोरम के अभाव में नहीं हो पा रही हैं। कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए सॉफ्टवेयर में ई-एफएमएस मॉड्यूल को शामिल किया गया है। फिलहाल इस नए प्लेटफॉर्म के तहत 46 हजार कर्मचारी पंजीकृत हो चुके हैं।