Karnataka Rajyotsav: स्थानीय पर फोकस, प्रतियोगी परीक्षाएं कन्नड़ में भी हो, 68वें कर्नाटक राज्योत्सव के अवसर पर सीएम सिद्धरमैया ने कहा- पीएम मोदी को लिखेंगे पत्र

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 1, 2023 01:53 PM2023-11-01T13:53:23+5:302023-11-01T13:54:43+5:30

Karnataka Rajyotsav: मुख्यमंत्री ने 68वें कर्नाटक राज्योत्सव के अवसर पर कांतीरावा स्टेडियम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वह इन परीक्षाओं के लिए भाषा के माध्यम पर फिर से विचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखेंगे।

Karnataka Rajyotsav Focus on local competitive examinations should also be Kannada CM Siddaramaiah said occasion 68th Karnataka Rajyotsav will write letter PM Modi | Karnataka Rajyotsav: स्थानीय पर फोकस, प्रतियोगी परीक्षाएं कन्नड़ में भी हो, 68वें कर्नाटक राज्योत्सव के अवसर पर सीएम सिद्धरमैया ने कहा- पीएम मोदी को लिखेंगे पत्र

file photo

Highlightsहिंदी और अंग्रेजी में परीक्षा आयोजित करती है।हमें इसका विरोध करने की जरूरत है।हिंदी और अंग्रेजी में प्रतियोगी परीक्षाएं कराना संभव नहीं है।

Karnataka Rajyotsav: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं को कन्नड़ भाषा में भी आयोजित करने की वकालत करते हुए कहा कि इन्हें केवल हिंदी या अंग्रेजी में कराना संभव नहीं है।

मुख्यमंत्री ने 68वें कर्नाटक राज्योत्सव के अवसर पर कांतीरावा स्टेडियम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वह इन परीक्षाओं के लिए भाषा के माध्यम पर फिर से विचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा, "शिवाजी नगर से विधायक रिजवान अरशद ने सही कहा है कि केंद्र सरकार केवल हिंदी और अंग्रेजी में परीक्षा आयोजित करती है। हमें इसका विरोध करने की जरूरत है।"

उनके मुताबिक, सिर्फ हिंदी और अंग्रेजी में प्रतियोगी परीक्षाएं कराना संभव नहीं है। सिद्धरमैया ने कहा, "हमारे बच्चे उसी भाषा में परीक्षा देंगे जो वे जानते हैं। मैं अपने प्रधानमंत्री से (भाषा के तरीके पर) दोबारा विचार करने का अनुरोध करूंगा।"

यह उल्लेख करते हुए कि केवल सरकारी स्कूलों में शिक्षा का माध्यम कन्नड़ है, निजी स्कूलों में नहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों के बीच यह गलत धारणा है कि केवल अंग्रेजी माध्यम के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे प्रतिभाशाली होते हैं तथा अच्छी नौकरी पाते हैं। सिद्धरमैया ने यह भी कहा कि कर्नाटक में कई प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पैदा हुए हैं जिन्होंने कन्नड़ माध्यम में अध्ययन किया।

उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि माता-पिता को अपने बच्चे को अपनी पसंद के शिक्षण माध्यम में शिक्षा दिलाने का अधिकार है...।" सिद्धरमैया ने सरकारी स्कूलों को उन्नत करने की जरूरत पर भी जोर दिया, ताकि वहां पढ़ने वाले छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। इस संबंध में, उन्होंने कर्नाटक में 10वीं कक्षा तक कन्नड़ को अनिवार्य बनाने की आवश्यकता बताई।

मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों के लिए बुधवार से मुफ्त बिजली और पानी देने की घोषणा की जिससे कि उनकी स्थिति सुधर सके। उन्होंने कहा कि राज्य अपने गठन का 68वां वर्ष मना रहा है और 'कर्नाटक' नाम से 50 साल पूरे कर चुका है, जिसे पहले 'मैसूर' के नाम से जाना जाता था। 'कर्नाटक' नाम की स्वर्ण जयंती मनाने के लिए राज्य भर में साल भर विभिन्न कार्यक्रम होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को राज्य के इतिहास, इसकी भाषा, कला, संगीत, संस्कृति, विरासत और परंपराओं के बारे में बताने के लिए 'हेसारयितु कर्नाटक, उसिरगली कन्नड़' (कर्नाटक का नाम, कन्नड़ इसकी सांस हो) के नारे के साथ कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। सिद्धरमैया ने लोगों से कन्नड़ को दैनिक व्यवहार में लाने की शपथ लेने की अपील की। मुख्यमंत्री ने सभी प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए कन्नड़ का उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

Web Title: Karnataka Rajyotsav Focus on local competitive examinations should also be Kannada CM Siddaramaiah said occasion 68th Karnataka Rajyotsav will write letter PM Modi

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे