कर्नाटक: मंत्री प्रियांक खड़गे ने गौहत्या, हिजाब पर से बैन हटाने का दिया संकेत
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 7, 2023 12:16 PM2023-06-07T12:16:42+5:302023-06-07T12:27:54+5:30
कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खड़गे ने इस बात का संकेत दिया है कि सरकार बोम्मई सरकार द्वारा लगाये गये गोहत्या और स्कूलों में हिजाब प्रतिबंध को हटाने के विषय के बारे में विचार कर सकती है।
बेंगलुरु: कर्नाटक में सिद्धारमैया की कांग्रेस सरकार आने वाले समय में गौहत्या और हिजाब पर से बैन हटा सकती है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और राज्य सरकार के मंत्री प्रियांक खड़गे ने इस बात का संकेत दिया है कि सरकार बोम्मई सरकार द्वारा गोहत्या और स्कूलों में हिजाब लगाये गये प्रतिबंध को हटाने के विषय के बारे में विचार कर सकती है।
मंत्री प्रियांक खड़गे ने एक निजी समाचार चैनल को दिये बयान में कहा, "हमारी सरकार न केवल गोहत्या या हिजाब बल्कि भाजपा सरकार द्वारा लागू किया गया कोई भी ऐसा नियम, जो समतामूलक जनभावनाओं के विपरित होगा। उसे बदला जा सकता है।" इसके साथ ही मंत्री खड़गे ने यह भी कहा कि भाजपा की बोम्मई सरकार द्वारा पेश किया गया गोहत्या विरोधी बिल राज्य की प्रगति और विकास में बाधक है और उस बिल का कारण राज्य पर बड़े पैमाने पर वित्तीय बोझ पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि गोहत्या और हिजाब पर बैन हटने के बाद की राजनीतिक प्रतिक्रिया पर कहा कि कांग्रेस को इस बात का कोई डर नहीं है क्योंकि कांग्रेस सरकार राजनीति से नहीं अर्थशास्त्र से चलने पर ध्यान देती है। खड़गे ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार द्वारा गोहत्या विरोधी बिल केवल इसलिए लाया गया था ताकि वो अपने "नागपुर में आकाओं" को खुश कर सकें, लेकिन इससे न तो सूबे का किसान खुश हुआ और न ही उद्योग क्षेत्र के लोग।
कर्नाटक के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि गोरक्षा के संबंध में भाजपा सरकार द्वारा लायी गई योजनाओं की आर्थिक देनदारियां भी थीं। इसलिए यह सीधे तौर पर सरकार के लिए बोझ हैं। इसके साथ ही खड़गे ने कांग्रेस के पांच चुनावी गारंटी के बारे में बात करते हुए कहा कि सिद्धारमैया सरकार जनता से किये वादे को जल्द से जल्द लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन उसे लागू करने के लिए कुछ नियम और कानून भी बनाने होंगे।
उन्होंने कहा, "पांच गारंटी के खाके को लागू कराने के लिए हम यथाशीघ्र प्रयास करेंगे। हर सरकारी योजना, चाहे केंद्र की हो या फिर राज्य की हो। कुछ नियमों के साथ लागू होती है। ऐसी कोई योजना नहीं है, जो सभी के लिए मुफ्त हो, लेकिन हम इसे करके रहेंगे।"