चित्रदुर्ग: लड़कियों के कथित यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किए गए कर्नाटक के सबसे प्रभावशाली लिंगायत संप्रदाय के आध्यात्मिक गुरु और मुरुघा मठ के मुख्य पुजारी शिवमूर्ति मुरुघा को सीने में दर्द के कारण चित्रदुर्ग जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जानकारी के मुताबिक पुलिस ने उन्हें गुरुवार को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वो न्यायिक हिरासत में थे और पुलिस उनसे लगातार मठ के हाई स्कूल में शिक्षा लेने वाली लड़कियों द्वारा लगाये गये यौन उत्पीड़न के मामले में पूछताछ कर रही थी।
पुलिस के मुताबिक घंटों के बाद जब उन्हें जेल में दाखिल कराया गया तो उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने लगी। इसके कारण जेल डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें चेकअप के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
चित्रदुर्ग पुलिस ने पुजारी शिवमूर्ति मुरुघा को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के साथ-साथ एससी-एसटी एक्ट के तहत मठ में अध्ययन करने वाली हाई स्कूल की दो लड़कियों के कथित यौन शोषण के लिए मामले प्रारंभिक जांच के बाद गिरफ्तार किया। उसके बाद पुलिस ने उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया। जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
इस संबंध में चित्रदुर्ग के पुलिस अधीक्षक के परशुराम ने पत्रकारों से बताया, "कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया और बाद में जेल भेज दिया गया था।"
जानकारी के मुताबिक लिंगायत मठ के प्रमुख पुजारी शिवमूर्ति मुरुघा पर लगे आरोपों की जांच करने वाले पुलिस उपाधीक्षक अनिल कुमार ने उनसे एक अज्ञात स्थान पर कापी लंबी पूछताछ की। उसके बाद उन्हें मेडिकल चेकअप के लिए चित्रदुर्ग जिला अस्पताल ले जाया गया और फिर अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश के आवास पर उन्हें पेश किया गया था।
चित्रदुर्ग के एसपी ने बताया कि बाद में इस केस में मुरुघा मठ के पुजारी के साथ चार अन्य लोगों का नाम भी दर्ज है। आरोपियों में एक अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि दो अभी भी फरार हैं और पुलिस उनकी लगातार तलाश कर रही है।
खबरों के मुताबिक चित्रदुर्ग के अधिवक्ताओं के एक समूह ने बीते गुरुवार को कर्नाटक हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखकर दावा किया था कि नाबालिग बच्चियों के साथ यौन हिंसा के आरोपी पुजारी शिवमूर्ति मुरुघा के खिलाफ निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच नहीं की जा रही है।
इसके साथ ही पत्र में इस बात का भी दावा किया गया है, "मामले में पीड़िता छात्राओं की मेडिकल जांच भी पुलिस ने अब नहीं कराया है। इसलिए प्रतीत होता है कि जांच पूर्वाग्रह से की जा रही है।"
वकीलों ने हाईकोर्ट से अपील की है कि न्याय हित में मामले की चल रही जांच की निगरानी में खुद हाईकोर्ट करे, ताकि निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच सुनिश्चित की जा सके।
मालूम हो कि पुजारी शिवमूर्ति मुरुघा पर आरोप है कि उन्होंने मठ द्वारा संचालित स्कूल में पढ़ने वाली और मठ के छात्रावास में रहने वाली 15 और 16 साल की दो नाबालिग लड़कियों का कथिततौर पर यौन शोषण किया है।
पुलिस ने इस मामले में उनके खिलाफ पॉक्सो एक्ट और एससी/एसटी एक्ट के अलावा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज करते हुए गिरफ्तार किया है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)