कर्नाटक: जेडीएस विधायक ने राज्यसभा चुनाव में की क्रॉस वोटिंग, कहा, "मैं कांग्रेस से प्यार करता हूं, इसलिए उसे वोट दिया"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 10, 2022 08:12 PM2022-06-10T20:12:36+5:302022-06-10T20:23:06+5:30
कर्नाटक में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल (सेक्युलर) के दो विधायकों श्रीनिवास गौड़ा और एसआर श्रीनिवास ने शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ जाकर कांग्रेस को वोट किया।
बेंगलुरु:कर्नाटक में राज्यसभा चुनाव में जमकर सियासी दावपेंच और गणितबाजी हुई। राज्य से कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल (सेक्युलर) के दो विधायकों श्रीनिवास गौड़ा और एसआर श्रीनिवास ने शुक्रवार को पार्टी के खिलाफ जाकर कांग्रेस को वोट किया।
राज्यसभा चुनाव में कर्नाटक से चार सीटें हैं, जिनके परिणाम पर सस्पेंस बना हुआ है। चारों सीटों के लिए सत्ताधारी भाजपा, विपक्षी दल कांग्रेस और जनता दल (एस) के बीच कड़ी टक्कर है। हालांकि उनमें से किसी भी दल के पास अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए पर्याप्त संख्या में वोट नहीं हैं।
राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के बाहर निकले जेडीएस विधायक श्रीनिवास गौड़ा ने कहा कि वो कांग्रेस को बहुत प्यार करते हैं, इसलिए दलगत भावना से उपर उठकर उन्होने कांग्रेस के पक्ष में वोट दिया है। उन्होंने कहा, "मैंने कांग्रेस को वोट दिया है क्योंकि मुझे यह पसंद है।"
इस पूरे घटनाक्रम के बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल सेक्यूलर के नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि श्रीनिवास गौडा के साथ एसआर श्रीनिवास ने भी जेडीएस को वोट नहीं दिया।
काफी नाराजगी के लहजे में उन्होंने कहा, “मैंने कहा था कि श्रीनिवास गौड़ा कांग्रेस को वोट करेंगे और एसआर श्रीनिवास ने भी जेडीएस को वोट नहीं दिया है। कांग्रेस ने आज अपना असली चेहरा दिखाया है। कांग्रेस भाजपा की 'बी' टीम है। इस देश में भाजपा के पनपने के पीछे असल में कांग्रेस का बहुत बड़ा हाथ है।"
इससे पहले गुरुवार को कुमारस्वामी ने जेडीएस के विधायकों से अपील की थी कि वो कांग्रेस और भाजपा दोनों को हराने के लिए जेडीएस कैंडिटेट के समर्थन में वोट करें।
समाचार वेबपोर्टल 'द न्यूज मिनट' के मुताबिक देवगौड़ा की पार्टी ने राज्यसभा चुनाव में कुपेंद्र रेड्डी को अपना पहला उम्मीदवार बनाया है। कुमारस्वामी ने उनके पक्ष में अपील जारी करते हुए कहा कि धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूत करने के लिए कांग्रेस कुपेंद्र रेड्डी का समर्थन करे और भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस को जेडीएस का समर्थन करना चाहिए।
राज्य में कांग्रेस के पास जेडीएस से ज्यादा वोट हैं और कुमारस्वामी को उम्मीद थी कि कांग्रेस उनकी पार्टी के पक्ष में वोट करेगी। इसके साथ ही कुमारस्वामी ने कांग्रेस से कहा था कि वो दूसरी वरीयता में उनके सदस्यों को वोट करे ताकि दोनों दल पुरानी बातों को भूलाकर एक "नई शुरुआत" कर सकें।
लेकिन कांग्रेस ने कुमारस्वामी के अपील को खारिज करते हुए स्पष्ट कर दिया था वो अपने कैंडिडेट को जिताने के लिए अपनी ताकत झोंकेगी और इसके साथ कांग्रेस ने 2020 के राज्यसभा चुनाव का हवाला देते हुए जेडीएस से एहसान वापसी की मांग की थी। साल 2020 के राज्यसभा चुनाव में पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा कांग्रेस के समर्थन से राज्यसभा में पहुंचे थे।
कर्नाटक में सभी दलों के बीच क्रॉस वोटिंग का इतना खौफ था कि सभी तीनों दलों ने पहले ही व्हिप जारी कर अपने-अपने विधायकों को अपने उम्मीदवारों को वोट देने के लिए कहा था।
जेडीएस ने तो अपने विधायकों को गुरुवार रात में शहर के एक होटल में एक जगह ठहरा दिया था। उसके बावजूद वो अपने विधायकों को बांध नहीं सकी और जेडीएस के दो विधायकों ने पार्टी के खिलाफ जाते हुए कांग्रेस को वोट कर दिया।
राज्य से राज्यसभा चुनाव के लिए छह उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, अभिनेता-राजनेता जग्गेश और भाजपा से निवर्तमान एमएलसी लहर सिंह सिरोया, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश और राज्य महासचिव मंसूर अली खान शमिल हैं। वहीं जेडीएस से पूर्व सांसद डी कुपेंद्र रेड्डी भी मैदान में हैं।