कर्नाटक: हिजाब फैसला सुनाने वाले हाईकोर्ट के तीनों जजों को 'वाई' श्रेणी सुरक्षा, जान से मारने की धमकी के बाद सरकार का फैसला
By विशाल कुमार | Published: March 20, 2022 12:01 PM2022-03-20T12:01:58+5:302022-03-20T12:10:52+5:30
यह कदम मदुरई में उस वीडिया बयान के सामने आने के बाद उठाया गया है जिसमें जजों की जान मारने की धमकी दी गई है। इस संबंध में एक एफआईआर भी दर्ज की गई है।
बेंगलुरु: कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब विवाद का फैसला सुनाने वाले हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और दो अन्य जजों को राज्य सरकार ने रविवार को 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला किया है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम मदुरई में उस वीडिया बयान के सामने आने के बाद उठाया गया है जिसमें जजों को जान से मारने की धमकी दी गई है। इस संबंध में एक एफआईआर भी दर्ज की गई है।
मदुरई के इस मामले के सामने आने के बाद भी घटना की निंदा नहीं करने के लिए मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने विपक्ष को फर्जी धर्मनिरपेक्ष करार देते हुए उनकी निंदा की।
उन्होंने कहा कि फेक सेक्युलर लॉबी घटना के 3-4 दिन बाद भी खामोश क्यों है? लोग जजों को जान से मारने की धमकी देते हैं और बात करते हैं कि जजों का एक्सीडेंट कैसे होगा। इसके बाद भी आप सब चुप क्यों हैं, बस वर्ग को खुश करो? यह धर्मनिरपेक्षता नहीं है, यह सांप्रदायिकता है। मैं इसकी निंदा करता हूं और आप सभी को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और हमें एकजुट होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने राज्य के डीजीपी को मामले की जांच करने और आरोपी की हिरासत लेने के लिए तमिलनाडु के साथ सामंजस्य बैठाने को कहा। आम नागरिकों द्वारा की गई शिकायतों के आधार पर आरोपियों पर मामला दर्ज किया गया है।
इससे पहले, तमिलनाडु तौहीद जमात के तीन पदाधिकारियों पर हिजाब विवाद पर उनके फैसले के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट और उसके न्यायाधीशों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए मामला दर्ज किया गया था।