मेंगलुरु:कर्नाटक के उडुपी जिले के मणिपाल स्थित एमजीएम कॉलेज में मंगलवार को उस समय तनाव काफी बढ़ गया जब भगवा शॉल ओढ़े विद्यार्थियों के समूह ने हिजाब पहनी छात्राओं के खिलाफ नारेबाजी की।
बुर्का और हिजाब पहनीं कॉलेज की छात्राओं के एक समूह ने कॉलेज परिसर में प्रवेश किया और सिर पर स्कार्फ़ पहनने के अधिकार के समर्थन में नारे लगाते हुए परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।
इसी बीच, भगवा शॉल पहने कुछ लड़के-लड़कियां भी कॉलेज पहुंचे और दूसरे समूह के खिलाफ नारेबाजी की। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कॉलेज के कर्मचारियों ने गेट पर ताला लगा दिया, जबकि छात्रों के दोनों समूह गेट के पास इंतजार कर रहे थे।
कॉलेज के प्राचार्य देवीदास नायक और शिक्षकों ने छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन दोनों पक्षों ने मानने से इनकार कर दिया। मौके पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद हैं। छात्र समूह 'हमें न्याय चाहिए' और 'वंदे मातरम' के नारे लगा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक कॉलेज प्रबंधन जिला प्रशासन से बातचीत कर रहा है।
वहीं, एक वीडियो में एक छात्रा हिजाब पहनकर स्कूटी से जैसे ही कॉलेज में दाखिल होती है, भगवा शॉल ओढ़े छात्र उसका विरोध करते हुए जय श्री राम के नारे लगाने लगते हैं जिसके जवाब में छात्रा अल्लाहू अकबर का नारा लगाती है। छात्रा के पीछे छात्रों के पूरे गुट को पड़े देखकर कॉलेज प्रशासन तत्काल छात्रा को अंदर ले जाता है।
बागलकोट में हिजाब विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने पथराव करना शुरू कर दिया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
वहीं, कांग्रेस ने हाईकोर्ट का फैसला आने तक कॉलेज बंद करने की मांग की है। कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने एक ट्वीट कर कहा कि कर्नाटक के कुछ शैक्षणिक संस्थानों में स्थिति इतनी खराब हो गई है कि एक मामले में राष्ट्रीय ध्वज को भगवा ध्वज से बदल दिया गया था। मुझे लगता है कि प्रभावित संस्थानों में कानून और व्यवस्था बहाल करने के लिए एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया जाना चाहिए। शिक्षण ऑनलाइन जारी रह सकता है।
कर्नाटक उच्च न्यायालय मंगलवार को सरकारी कॉलेज, उडुपी की एक मुस्लिम छात्रा द्वारा कॉलेज में हिजाब पहनने की अनुमति मांगने वाली एक रिट याचिका पर सुनवाई कर रहा है।
मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि भावनाओं को किनारे रखें। तथ्यों और संविधान के हिसाब से चलना है। अटॉर्नी जनरल को भी भावनाओं को किनारे रखना चाहिए।