Karnataka MUDA scam: सीएम सिद्धारमैया को झटका, MUDA घोटाले में मुख्यमंत्री के खिलाफ चलेगा मुकदमा?, जानें मामला
By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 24, 2024 12:34 IST2024-09-24T12:27:47+5:302024-09-24T12:34:12+5:30
Karnataka MUDA scam: उच्च न्यायालय ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने भू आवंटन मामले में उनके विरूद्ध जांच के लिए राज्यपाल द्वारा दी गयी मंजूरी को चुनौती दी थी।

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Karnataka MUDA scam: कर्नाटक उच्च न्यायालय में मंगलवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने MUDA घोटाले में सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की राज्यपाल थावर चंद गहलोत की मंजूरी बरकरार रखी है। कर्नाटक हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने सिद्धारमैया द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया। उन्होंने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा उनकी पत्नी पार्वती को दी गई जमीन पर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज करने के लिए तीन लोगों को कर्नाटक के राज्यपाल द्वारा दी गई मंजूरी को चुनौती दी थी।
High Court of Karnataka's Nagaprasanna bench dismisses the petition challenged by CM Siddaramaiah. He had challenged the Governor's sanction for his prosecution in the alleged MUDA scam.
— ANI (@ANI) September 24, 2024
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न्यायालय ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य करना राज्यपाल का कर्तव्य है। हालाँकि, वह असाधारण परिस्थितियों में स्वतंत्र निर्णय ले सकता है और वर्तमान मामला एक ऐसा अपवाद है। न्यायालय ने यह भी माना कि निजी शिकायतकर्ता राज्यपाल से ऐसी मंजूरी मांग सकते हैं और यह आवश्यक नहीं है कि कोई पुलिस अधिकारी भी ऐसा करे।
कोर्ट ने कहा, "वास्तविक स्थिति में 17ए के तहत मंजूरी अनिवार्य है। इसमें कहीं भी पुलिस अधिकारी को बीएनएसएस की धारा 200 या 223 के तहत निजी शिकायतकर्ता के मामले में मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं है। शिकायतकर्ताओं का कर्तव्य है कि वे ऐसी मंजूरी लें।" एकल न्यायाधीश पीठ मुख्यमंत्री द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
सिद्धारमैया के वकील ने अदालत से दो सप्ताह के लिए आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया ताकि सीएम अपील दायर कर सकें लेकिन इसे खारिज कर दिया गया। अदालत ने पहले राज्यपाल की मंजूरी के आधार पर कार्यवाही रोकने का अंतरिम आदेश जारी किया था। मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) में अवैध जांच करने के लिए राज्यपाल तवरचंद गहलोत द्वारा दी गई मंजूरी को चुनौती दी गई थी।