बेंगलोर/नई दिल्ली, 15 मई। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 के लिए शनिवार को 224 सीटों में से 222 सीटों पर हुआ मतदान सम्पन्न हो चुका है। मतदान समाप्त होते ही अलग-अलग टीवी चैनलों और सर्वे एजेंसियों ने अपने-अपने एग्जिट पोल के नतीजे जारी किए। राष्ट्रीय और क्षेत्रीय द्वारा कराए गये 12 एग्जिट पोल्स के नतीजों का लोकमत न्यूज ने विश्लेषण किया। इन 12 एग्जिट पोल्स में से सात में दावा किया गया है कि बीजेपी कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। कुछ सर्वे में बीजेपी बहुमत से कुछ सीटें ज्यादा पाने का अनुमान जताया गया है। कुछ सर्वे के अनुसार सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद बीजेपी बहुमत से कुछ दूर रह जाएगी। वहीं 12 में से 5 एग्जिट पोल्स में कांग्रेस के सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभनरे का अनुमान जताया गया है।सभी एग्जिट पोल्स में जेडीएस को तीसरे नंबर की पार्टी बताया गया है। अगर चुनाव परिणाम त्रिशंकु हुए तो जेडीेएस किंगमेकर की भूमिका में आ सकती है। चुनाव के नतीजे 15 मई को आएँगे। उससे पहले आइए देखते हैं कि इससे पहले पाँच अन्य राज्यों के विधान सभा चुनाव के बाद सामने आए एग्जिट पोल्स बाद में सच के कितने करीब साबित हुए थे।
में कांग्रेस और बीजेपी दोनों को ही बहुमत मिलने का अनुमान लगा रहे हैं। लेकिन इसके पहले ही कई सर्वे और राजनीतिक पंडित एग्जिट पोल के जरिए राज्य में सरकार बनाने और राजनीतिक उथल-पुथल के समीकरण बना रहे हैं।
क्या वास्तव में चुनाव के बाद होने वाले एग्जिट पोल के नतीजे विश्वसनीय होते हैं आईए इन्हें पूर्व में हुए कुछ राज्यों में चुनावों के बाद हुए एग्जिट पोल के आंकड़ों के माध्यम से समझते हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में गलत साबित हुआ एग्जिट पोल
दिल्ली विधानसभा चुनाव में गलत साबित हुए एग्जिट पोल के नतीजे
उत्तर प्रदेश चुनाव 2017 के एग्जिट पोल सही साबित हुए
गुजरात चुनाव 2017 में सही साबित हुए एग्जिट पोल के नतीजे
हिमाचल प्रदेश चुनाव में सही साबित हुए एग्जिट पोल के नतीजे