हाई प्रोफाइल ड्रग्स केस: दिवंगत मंत्री जीवराज अल्वा का बेटा अरेस्ट, अभिनेता विवेक ओबराय की पत्नी के भाई
By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: January 12, 2021 11:58 AM2021-01-12T11:58:22+5:302021-01-12T12:17:42+5:30
मादक पदार्थों की तस्करी मामले में नाम आने के बाद से कर्नाटक के पूर्व मंत्री जीवराज अल्वा के पुत्र आदित्य अल्वा फरार चल रहे थे...
कर्नाटक में हाई प्रोफाइल ड्रग्स मामले के आरोपी आदित्य अल्वा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पूर्व मंत्री दिवंगत जीवराज अल्वा का पुत्र आदित्य बीते 5 महीनों से फरार था, जिसे आखिरकार सूचना के आधार पर दबोच लिया गया है। आदित्व अल्वा बॉलीवुड अभिनेता विवेक ओबेरॉय की पत्नी प्रियंका के भाई हैं।
आदित्य अल्वा को गुप्त सूचना के आधार पर दबोचा
बता दें कि जब से राज्य की पुलिस ने मादक पदार्थों के तस्करों, आपूर्तिकर्ताओं और रेव पार्टी आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है तब से ही का आदित्य अल्वा फरार चल रहा था, उसे चेन्नई में सोमवार रात को एक गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया गया।
आदित्य अल्वा को चेन्नई में किया गिरफ्तार
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "कॉटनपेट पुलिस स्टेशन में दर्ज ड्रग मामले में फरार चल रहे आरोपी आदित्य अल्वा को चेन्नई में गिरफ्तार किया गया।"
कन्नड़ फिल्म समेत कई लोगों की हो चुकी गिरफ्तारी
कन्नड़ फिल्म अभिनेत्री रागिनी द्विवेदी, संजना गलरानी, पार्टी आयोजक वीरेन खन्ना, आदित्य अग्रवाल, आरटीओ क्लर्क के रविशंकर, कुछ नाइजीरियाई नागरिकों और कई अन्य लोगों को पहले ही इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है।
स्वापक नियंत्रण ब्यूरो द्वारा पिछले साल नशीले पदार्थ के साथ बेंगलुरु से तीन लोगों को गिरफ्तार किए जाने के बाद पुलिस ने मादक पदार्थों के तस्करों, और उपभोक्ताओं पर कार्रवाई शुरू की थी। तीनों ने एनसीबी के अधिकारियों को बताया था कि वे कन्नड़ फिल्म अभिनेताओं और गायकों को नशीले पदार्थों की आपूर्ति कर रहे थे।
आदित्य अल्वा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने किया था इनकार
गौरतलब है कि कुछ हफ्ते पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मादक पदार्थों की तस्करी मामले में आदित्य अल्वा की गिरफ्तारी पर अग्रिम जमानत की याचिका की सुनवाई करने से इनकार कर दिया था।
अधिवक्ता निशांत पाटिल के माध्यम से अल्वा ने शीर्ष अदालत से अग्रिम जमानत देने और उनके खिलाफ आपराधिक मामले को खत्म करने का अनुरोध किया, जिसे जस्टिस आर एफ नरीमन और नवीन सिन्हा की पीठ ने याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय में जाने के लिए कहा।
(भाषा इनपुट के साथ)