कर्नाटक: ठेकेदार की मौत के मामले में मंत्री ईश्वरप्पा और उनके दो सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज, विपक्ष ने की बर्खास्त करने की मांग
By विशाल कुमार | Published: April 13, 2022 09:18 AM2022-04-13T09:18:03+5:302022-04-13T09:20:20+5:30
खुद को भाजपा कार्यकर्ता बताने वाले संतोष के. पाटिल ने 30 मार्च को आरोप लगाया था कि उसने आरडीपीआर विभाग में एक काम किया था और चाहते थे कि इसका भुगतान हो, लेकिन ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने चार करोड़ रुपये के काम में 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी।
बेंगलुरु: कर्नाटक के ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर एक ठेके के लिये 40 फीसदी कमीशन मांगने का आरोप लगाने वाले ठेकेदार की मौत के मामले में ईश्वरप्पा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि उडुपी पुलिस ने ठेकेदार के परिवार की ओर से बीती रात दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की है।
मंत्री पर आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उनके दो सहयोगियों के नाम भी प्राथमिकी में दर्ज हैं। उनके नाम बसवराज और रमेश हैं।
ईश्वरप्पा के खिलाफ यह एफआईआर तब दर्ज की गई जब विपक्षी कांग्रेस और जद (एस) ने संतोष के. पाटिल की मौत के लिए ईश्वरप्पा के इस्तीफे की मांग की। पाटिल एक ठेकेदार के साथ-साथ एक दक्षिणपंथी समूह हिंदू वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव भी थे।
खुद को भाजपा कार्यकर्ता बताने वाले पाटिल ने 30 मार्च को आरोप लगाया था कि उसने आरडीपीआर विभाग में एक काम किया था और चाहते थे कि इसका भुगतान हो, लेकिन ईश्वरप्पा ने चार करोड़ रुपये के काम में 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी।
मंत्री ने न केवल आरोप खारिज किया, बल्कि ठेकेदार के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर किया था।
कल कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई की इस मामले में संलिप्तता है।
कर्नाटक में प्रतिपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने मंत्री की गिरफ्तारी, उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामला दर्ज करने और उन्हें मंत्रालय से बर्खास्त करने की मांग की है।