कर्नाटक में बीजेपी सरकार की गिरी तो खुद को माफ नहीं करेंगे अरुण जेटली!

By खबरीलाल जनार्दन | Published: May 17, 2018 06:06 PM2018-05-17T18:06:10+5:302018-05-17T18:06:23+5:30

बिहार में भी तेजस्वी यादव ने राजभवन में अपने विधायकों की परेड कराने जा रहे हैं। वे भी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बहुमत सिद्ध करने का मौका चाहते हैं।

Karnataka CM Karnataka Power Struggle Arun Jaitley Goa Governor | कर्नाटक में बीजेपी सरकार की गिरी तो खुद को माफ नहीं करेंगे अरुण जेटली!

कर्नाटक में बीजेपी सरकार की गिरी तो खुद को माफ नहीं करेंगे अरुण जेटली!

नई दिल्ली, 17 मईः कर्नाटक बीएस यदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही कांग्रेस ने उन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी को घेरने के लिए राजभवन पहुंचने लगी है जहां बड़ी पार्टी होने के बाद वे सत्ता से बाहर हैं। इनमें सबसे पहले गोवा कांग्रेस आगे आई है। कल गोवा कांग्रेस के विधायक राजभवन जाकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। दूसरी तरफ मेघालय और मणिपुर में भी ऐसी सुगबुगाहट शुरू हो गई।

उधर, बिहार में भी तेजस्वी यादव ने राजभवन में अपने विधायकों की परेड कराने जा रहे हैं। वे भी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बहुमत सिद्ध करने का मौका चाहते हैं। जैसा कि कर्नाटक में बीएस यदियुरप्पा को दिया गया है। असल में अर्से तक भारतीय राजनी‌ति में ऐसा ही होता आया। राज्यों में केंद्र में उसी पार्टी को पहले सरकार बनाने का न्योता दिया जाता रहा है कि जो राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। लेकिन पिछले साल यह प्रथा बदली।

इस प्रथा को बदलने में सबसे अहम भूमिका निभाई केंद्र में मोदी सरकार के वित्त मंत्री वित्त मंत्री अरुण जेटली ने। बात गोवा विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद के हैं। गोवा में कुल 40 विधानसभा सीटें हैं। बहुमत के लिए 21 विधायकों की जरूरत होती है। लेकिन परिणाम बाद कांग्रेस के पास आईं 17 सीटें और बीजेपी के पास के 13 सीटें आईं। (जरूर पढ़ेंः 75 साल के बीएस येदियुरप्पा बने कर्नाटक के 32वें सीएम, क्लर्क के तौर पर शुरू किया था करियर)

ऐसे में कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका दिया जाना चाहिए था। लेकिन अरुण जेटली ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा को संबोधित करते हुए एक ट्वीट किया। इसमें एक राजनीतिक सलाह थी। उनका कहना था कि अगर परिणाम बाद कोई दो पार्टियों गठबंधन कर के बहुमत आंकड़ा छूती हैं तो उसे सरकार बनाने का मौका देना चाहिए। और बाद में ऐसा हुआ भी।


बाद में इसी परिपाटी को आगे बढ़ाते हुए मणिपुर और मेघालय में भी राज्यपालों ने सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का न्योता देने के बाद बीजेपी के नेतृत्व वाली उन गठबंधन को मौका दिया जिनके पास बहुमत का आंकड़ा था।

कर्नाटक की सूरत-ए-हाल में कांग्रेस की समर्थन प्राप्त जेडीएस ने सबसे पहले सरकार बनाने का दावा पेश की थी। कुमारस्वामी का दावा था कि उनके पास बहुमत से 6 ज्‍यादा विधायक हैं। लेकिन राज्यपाल वजुभाई वाला ने 104 सीट जीतने वाली बीजेपी को सरकार बनाने का मौका दिया। (जरूर पढ़ेंः कर्नाटक में खुद को दोहरा रहा है इतिहास, एसआर बोम्मई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था ऐतिहासिक फैसला

इससे खमखमाई कांग्रेस ने आधी रात को सीजेआई से सुनवाई की गुहार लगाई। इन सब के बीच लगातार अरुण जेटली के उस ट्वीट का हवाला दिया जा रहा है जो उन्होंने गोवा में बीजेपी सरकार बनवाने से पहले किया था। क्योंकि चुनाव बाद गठबंधन को उन्होंने ने ही बढ़ावा दिया था।

Web Title: Karnataka CM Karnataka Power Struggle Arun Jaitley Goa Governor

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