मल्लिकार्जुन खड़गे पर कर्नाटक के भाजपा नेता का आपत्तिजनक बयान, विवाद बढ़ने के बाद मांगी माफी
By अनुभा जैन | Published: August 3, 2023 12:47 PM2023-08-03T12:47:02+5:302023-08-03T12:50:32+5:30
भाजपा नेता और कर्नाटक के पूर्व गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के रंग को लेकर आपत्तिजनक बयान एक कार्यक्रम में दिया। इस बयान पर विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने सफाई दी हैष
बेंगलुरु: कर्नाटक पूर्व गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांग ली है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की त्वचा के रंग पर आपत्तिजनक बयान को लेकर ज्ञानेंद्र की काफी आलोचना हो रही थी।
पश्चिमी घाट में कस्तूरीरंगन रिपोर्ट के कार्यान्वयन के विरोध में तीर्थहल्ली, शिवमोग्गा रैली में भाग लेने के दौरान ज्ञानेंद्र ने बीदर में भालकी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले वर्तमान वन मंत्री ईश्वर खंड्रे की ओर इशारा किया था। ज्ञानेंद्र ने कहा था, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कर्नाटक के वन मंत्री उत्तरी कर्नाटक से है, जहां बिल्कुल भी जंगल नहीं हैं। ज्यादातर मंत्री उत्तरी कर्नाटक से हैं। वहां उच्च तापमान के कारण लोग की त्वचा का रंग काला पड़ जाता है। खांडरे को जंगल के पास रहने वाले लोगों के बारे में कुछ नहीं पता। उत्तरी कर्नाटक के इन मंत्रियों को नहीं पता कि पौधे, पेड़ और छाया क्या हैं। वे काले हैं (मल्लिकार्जुन) खड़गे को देखें और आप लोगों की कठिनाई को जानेंगे और समझेंगे। एकमात्र छाया जो उन्होने देखी होगी वह है उसके सिर पर कुछ बाल, ताकि वह चिलचिलाती गर्मी और धूप से बच सके।'
बाद में मीडिया को स्पष्टीकरण देते हुए ज्ञानेंद्र ने कहा, 'उनकी टिप्पणी खंड्रे के प्रति थी। जुबान फिसलने के कारण “खंड्रे“ की जगह खड़गे निकल गया। ज्ञानेंद्र ने आगे कहा, 'उनका इरादा खड़गे जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेता का अपमान करने का नहीं था।' उन्होंने आगे कहा, 'मुझे नहीं लगता कि मैं इस लायक हूं कि मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे नेता की आलोचना कर सकूं।'
कांग्रेस ने कहा- भाजपा नेता ने दिया दलित विरोधी बयान
कांग्रेस ने ज्ञानेंद्र की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कहा, 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अगर नस्लवादी टिप्पणी की जाती है तो उसे अपराध के तौर पर देखा जाता है। हालांकि, भगवा पार्टी के लिए ऐसे बयान गर्व की बात हैं। इससे पता चलता है कि ज्ञानेंद्र और बीजेपी का जाति व्यवस्था के प्रति झुकाव है और यह ज्ञानेंद्र की टिप्पणी से पता चला है। बयान दलित विरोधी था।'
कर्नाटक कांग्रेस ने भगवा पार्टी से मांग की, 'अगर बीजेपी कर्नाटक की जनता और दलितों का सम्मान करती है, तो पार्टी को ज्ञानेंद्र को बीजेपी से निलंबित कर देना चाहिए।'
ईश्वर खंड्रे ने कहा कि ज्ञानेंद्र और भगवा पार्टी स्वभाव से नस्लवादी हैं, उन्होंने न केवल वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को अपमानित किया है, बल्कि कल्याण कर्नाटक क्षेत्र और पूरे कर्नाटक राज्य के लोगों का भी अपमान किया है।
इस मामले पर डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि अगर ज्ञानेंद्र इस तरह बोलेंगे तो उन्हें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेस निम्हान्स भेजना होगा जो बेंगलुरु में है।