कर्नाटक: महज 16 वोट से भाजपा प्रत्याशी ने कांग्रेस को दे दी पटखनी, जानिए कौन सी थी सीट
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 14, 2023 11:36 AM2023-05-14T11:36:23+5:302023-05-14T11:41:30+5:30
कर्नाटक की जयानगर विधानसभी सीट पर भाजपा प्रत्याशी सीके राममूर्ति ने कांग्रेस प्रत्याशी को सौम्या रेड्डी को महज 16 वोटों से हरा दिया है।
बेंगलूरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भले ही सत्ता को एकतरफा लपक लिया हो, भले ही 136 सीटें अपने नाम करते हुए पार्टी ने भारी बहुमत के साथ भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया हो लेकिन इस चुनाव में एक विधानसभा सीट ऐसी भी है, जिस पर मिली हार कांग्रेस को लंबे समय तक सालती रहेगी। जी हां, यह सीट जयानगर विधानसभी क्षेत्र की है, जहां से भाजपा प्रत्याशी सीके राममूर्ति को जीत मिली है और कांग्रेस प्रत्याशी को सौम्या रेड्डी को हार लेकिन दोनों के बीच हार-जीत का फासला महज 16 वोटों का था।
जयानगर से भाजपा के सीके राममूर्ति को कुल 57797 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार सौम्या रेड्डी को 57781 वोट मिले। दोनों के हार-जीत के बीच फासला था 16 वोटों का। भाजपा विधायक मूर्ति को इस सीट पर डाले गए कुल वोटों का 47.87 फीसदी मत मिला। उन्हें 57297 ईवीएम वोट और 500 पोस्टल वोट मिले।
जबकि कांग्रेस प्रत्याशी सौम्या को 57591 ईवीएम वोट मिला। उन्हें 190 पोस्टल वोट हासिल हुए। इस तरह सौम्या जयानगर सीट पर डाले गए कुल वोटों का 47.85 फीसदी वोट पाने में कामयाब रहीं। हालांकि बेहद कड़े मुकाबले के बावजूद वो भाजपा के राममूर्ति के हाथों पराजित हो गईं।
जयानगर से कुल 15 उम्मीदवार मैदान में थे। यहां कर्नाटक राष्ट्र समिति के उम्मीदवार को 316 वोट, उत्तम प्रजाकीय पार्टी के उम्मीदवार को 652 वोट मिले हैं। आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार महालक्ष्मी को सिर्फ 556 वोट मिले। इस सीट पर जेडीएस का प्रदर्शन फीका रहा। उसके खाते में महज 1226 वोट आए। आठ उम्मीदवार निर्दलीय खड़े हुए थे, जिनमें से कोई एक प्रतिशत वोट नहीं पा सका। इस सीट पर सबसे कम 45 वोट निर्दलीय वी रविकुमार को मिले और यहां 1192 मतदाताओं ने नोटा पर भरोसा किया।
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी परिणामों के मुताबिक 224 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस ने 136 सीटों पर जीत हासिल की है। 1989 के विधानसभा चुनाव के बाद यह कांग्रेस की सबसे बड़ी जीत है। भाजपा ने 65 सीटों पर जीत दर्ज की है। जनता दल (सेक्युलर) के खाते में 19 सीटें आईं। जबकि एक-एक सीट पर कल्याणा राज्य प्रगति पक्ष तथा सर्वोदय कर्नाटक पक्ष के, जबकि दो सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है।
पिछले साल दिसंबर में हिमाचल प्रदेश के बाद भाजपा की यह दूसरी हार है। राज्य में 10 मई को मतदान हुआ था। अधिकांश एग्जिट पोल में त्रिशंकु विधानसभा की भविष्यवाणी की गई थी। नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने हार स्वीकार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और पार्टी कार्यकर्ताओं सहित सभी के काफी प्रयासों के बावजूद भाजपा इस चुनाव में अपनी छाप नहीं छोड़ सकी।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने 1989 के विधानसभा चुनाव में 178 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जिसके बाद लिंगायत नेता वीरेंद्र पाटिल को मुख्यमंत्री बनाया गया था। हालांकि अगले चुनाव में कांग्रेस 34 सीटों पर सिमट गई थी। इसके बाद 1999 के चुनाव में कांग्रेस ने 132 सीटें और 2013 के चुनाव में 122 सीटें जीती थी।