कर्नाटक: 10 विधायकों के निलंबन पर रार! भाजपा और जेडीएस ने किया विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार
By अनुभा जैन | Published: July 21, 2023 02:05 PM2023-07-21T14:05:12+5:302023-07-21T14:44:13+5:30
कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष द्वारा भारतीय जनता पार्टी के 10 विधायकों को निलंबित किए जाने के विरोध में भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) ने शुक्रवार को दूसरे दिन भी सदन की कार्यवाही से बहिष्कार किया।
बेंगलुरु: विपक्षी दलों भाजपा और जद (एस) ने राज्य विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया और सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ एक ज्ञापन या शिकायत के साथ राज्यपाल थावर चंद गहलोत से मुलाकात की। यह मामला विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर द्वारा अनैतिक व्यवहार के लिए 10 भाजपा विधायकों को निलंबित करने के एक दिन बाद आया है। बीजेपी विधायकों ने गुरुवार को बेंगलुरु के विधान सौध में गांधी प्रतिमा के सामने सरकार और स्पीकर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और नारे लगाए।
राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन पर भाजपा और जद (एस) नेताओं बसवराज बोम्मई और एचडीके सहित विपक्षी दलों ने हस्ताक्षर किए, जिसमें कहा गया, “सरकार आईएएस कैडर अधिकारियों और पुलिस को अपने नौकरों के रूप में नियुक्त करके और राजनीतिक पदाधिकारी सरकारी कार्यालयों का उपयोग करके अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर रहे है।” स्पीकर यूटी खादर राजनीतिक लाभ के लिए अपनी शक्ति का उपयोग कर रहे हैं। हमें स्पीकर पर कोई भरोसा नहीं है।”
बोम्मई ने आगे कहा कि राज्यपाल ने हमें विस्तार से सुना और वह मुख्य सचिव, विधायिका सचिव से बात करेंगे और उचित निर्देश जारी करने के लिए रिपोर्ट प्राप्त करेंगे। बोम्मई ने कहा कि भाजपा सदस्य और जद(एस) पार्टी शुक्रवार को भी विधानमंडल सत्र का बहिष्कार करेगी। कुमारस्वामी ने कहा कि सत्तारूढ़ सरकार विपक्ष को ध्वस्त करना चाहती है। कांग्रेस के खिलाफ एकजुट होकर काम करने के लिए जेडीएस बीजेपी में शामिल हो गई है।
ज्ञात रहे कि बीजेपी भी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाह रही है।
इससे पहले स्पीकर यूटी खादर और डिप्टी स्पीकर रुद्रप्पा लमानी ने राज्यपाल से मुलाकात की और 10 विधायकों के निलंबन के मुद्दे और कारणों पर चर्चा की।
इधर, गुरुवार को कांग्रेस विधायकों ने बजट पर बहस की और सीएम सिद्धारमैया ने विपक्ष की सीटें खाली रहते हुए अपना जवाब दिया।
सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य में पिछली भाजपा सरकार के दौरान ’’राजकोषीय अनुशासनहीनता’’ थी। बीजेपी ने 2.55 लाख करोड रुपये आवंटित किये विभिन्न क्षेत्रों की परियोजनाओं के लिए। 5300 करोड़ रु. अपर भद्रा के लिए इस उम्मीद में कि इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाएगा। लेकिन केंद्र से एक भी रुपया नहीं आया, उन्होंने कहा कि भाजपा की वित्तीय अनुशासनहीनता 40 प्रतिशत कमीशन का परिणाम थी। सिद्धारमैया ने आगे कहा कि सरकार पिछली बीजेपी सरकार के दौरान हुए सभी घोटालों की जांच कराएगी।