कर्नाटक ने चिकन कबाब और मछली के व्यंजनों में आर्टिफीशियल रंगों के इस्तेमाल पर लगाया प्रतिबंध, जानें कारण
By मनाली रस्तोगी | Updated: June 25, 2024 08:24 IST2024-06-25T08:22:49+5:302024-06-25T08:24:57+5:30
कर्नाटक सरकार ने सोमवार को राज्य में चिकन कबाब और मछली के व्यंजनों में आर्टिफीशियल रंगों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया।

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
कर्नाटक सरकार ने सोमवार को राज्य में चिकन कबाब और मछली के व्यंजनों में आर्टिफीशियल रंगों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया। इन वस्तुओं के यादृच्छिक नमूनों की गुणवत्ता जांच के कुछ दिनों बाद यह विकास हुआ और यह पाया गया कि आर्टिफीशियल रंगों के कारण घटिया गुणवत्ता हुई। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्रतिबंध का आदेश दिया गया है।
उन्होंने खाद्य सुरक्षा विभाग के आयुक्त को भोजन में आर्टिफीशियल रंगों के दुष्प्रभाव के संबंध में जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे। इससे पहले राज्य के खाद्य और सुरक्षा गुणवत्ता विभाग ने राज्य प्रयोगशालाओं से 39 कबाब नमूने एकत्र किए और उनका विश्लेषण किया। 39 में से आठ नमूने आर्टिफीशियल रंगों, विशेष रूप से सनसेट येलो और कार्मोइसिन की उपस्थिति के कारण उपभोग के लिए असुरक्षित पाए गए।
प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर कम से कम सात साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा होगी, साथ ही 10 लाख रुपये का जुर्माना होगा, साथ ही फूड आउटलेट का लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत नमूनों को असुरक्षित बताया गया था। खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) विनियम, 2011 के अनुसार, किसी भी आर्टिफीशियल रंगों का उपयोग निषिद्ध है।
यह निर्णय राज्य सरकार द्वारा गोबी मंचूरियन और कैंडी कॉटन में आर्टिफीशियल रंगों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश के महीनों बाद आया है।