बेंगलुरु: भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कुल 224 सीटों पर पहली सूची के तहत 189 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान जैसे किया, पार्टी में भारी खलबली मच गई। दरअसल भाजपा ने पहली सूची में करीब 52 सीटों पर मौजूदा विधायकों का टिकट काटते हुए नए चेहरों को उतारने की घोषणा की है। जिसके बाद से पार्टी में बगावत के सुर तेज हो गये हैं लेकिन भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि वो यूपी, गुजरात, असम और उत्तराखंड की तरह कर्नाटक के चुनाव में भी नये चेहरों को मौके देगा।
भाजपा की ओर से कहा जा रहा है कि मौजूदा विधायकों का टिकट कटना एक सामान्य प्रक्रिया है और इसके एकमात्र उद्देश्य आने वाले समय के लिए नई पीढ़ी को तैयार करना है। इसके साथ ही भाजपा इस बात को मानने से स्पष्ट इनकार कर रही है कि विधानसभा चुनाव में मौजूदा बसवराज बोम्मई सरकार को लेकर जनता के मन में कोई सत्ता विरोधी लहर है।
समाचार वेबसाइट डेक्कन हेराल्ड को दिये इंटरव्यू में कर्नाटक भाजपा के प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि 52 नए चेहरों को मौका देना भाजपा के भविष्य की पौध तैयार करने जैसा है। इसे सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर या पार्टी के खिलाफ जनता जनता की नाराजगी से जोड़कर देखने की आवश्यकता नहीं है। अरुण सिंह ने कहा, "हम ऐसा पहली बार नहीं कर रहे हैं। इससे पहले भी पार्टी ने यूपी, उत्तराखंड, असम, गुजरात और हिमाचल जैसे राज्यों के विधानसभा चुनाव में ऐसा ही किया था। नए चेहरे को लाकर हम अपने भविष्य को और मजबूती प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं और इसमें हमारे साथ कर्नाटक भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का पूरा सहयोग है।"
पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार समेत कई मंत्रियों और विधायकों की टिकट करने के बाबत नाराजगी के बारे में प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि कुछ नेताओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाना असामान्य नहीं है क्योंकि हर विधानसबा सीट पर भाजपा के टिकट पाने के लिए 5 से ज्यादा दावेदार थे। भाजपा को छोड़ भी दें तो कांग्रेस का भी वही हाल है। वो भी दो सूचियों के जरिये 165 प्रत्याशियों का नाम लेकर सामने आई है, विरोध तो उनके यहां भी है। भाजपा के लिए यह बेहद सामान्य है। हम अपने सभी नेताओं को साथ लेकर चलेंगे।
मौजूदा चुनाव में मुख्यमंत्री के चेहरे पर अरुण सिंह ने कहा कि इस विषय में मैं अभी कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं, क्योंकि हम चर्चा के लिए बैठक करते हैं और सभी मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श करते हैं। पार्टी मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरे का ऐलान कर सकती है लेकिन हमारे पास प्रधानमंत्री मोदी जैसा लोकप्रिय चेहरा पहले से मौजूद है और वे राज्य के चुनावी अभियान की अगुवाई करेंगे।
भाजपा के पास पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और स्मृति ईरानी जैसे कई वरिष्ठ चेहरे भी हैं। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा हैं। वहीं अगर राज्य की बात करें तो पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के साथ मौजूदा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई भी चुनाव प्रचार कर रहे हैं। अभी पिछले महीने ही बेलगाम, शिवमोग्गा, मांड्या और दावणगेरे में प्रधानमंत्री मोदी ने रैली की, जिसमें लाखों की संख्या में भीड़ उमड़ी थी।