द्रास में कारगिल वॉर मेमोरियल होम का लोकार्पण, लोकमत की खास पहल, हड्डियों को जमा देने वाली सर्दी में जवानों को मिलेगी राहत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 1, 2022 02:14 PM2022-08-01T14:14:47+5:302022-08-01T14:22:30+5:30

द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक की सुरक्षा में लगे सैनिकों के लिए मेमोरियल होम का निर्माण कराया गया है। मेमोरियल होम में बेहद भीषण परिस्थिति में भी तापमान 15 डिग्री से अधिक रहेगा।

Kargil War Memorial Home inaugurated in Dras, a special initiative of Lokmat, relief for soldiers in freezing winter | द्रास में कारगिल वॉर मेमोरियल होम का लोकार्पण, लोकमत की खास पहल, हड्डियों को जमा देने वाली सर्दी में जवानों को मिलेगी राहत

द्रास में कारगिल वॉर मेमोरियल होम का निर्माण

Highlightsलोकमत की पहल, कारगिल युद्ध स्मारक की सुरक्षा में लगे सैनिकों के लिए मेमोरियल होम का निर्माण।डिजाइन प्रसिद्ध शिक्षा विशेषज्ञ सोनम वांगचुक ने तैयार किया है।मेमोरियल होम के निर्माण में फसल की कटाई के बाद फेंक दी जाने वाली पराली और लद्दाख की मिट्टी से बनी ईंटों का इस्तेमाल किया गया है।

द्रास (लद्दाख): धरती पर दूसरा सबसे ठंडा स्थान जहां इंसान बसे हैं और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के प्रवेश द्वार के रूप में पहचाने जाने वाले द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक की सुरक्षा में लगे सैनिकों के लिए लोकमत मीडिया ग्रुप ने शिक्षाविद् सोनम वांगचुक के सहयोग से बड़ी पहल की है।

वॉर मेमोरियल का संरक्षण करने के लिए इसके परिसर में रहने वाले जवानों के वास्ते मेमोरियल होम का निर्माण कराया गया है। इसका निर्माण 'लोकमत फाउंडेशन' के योगदान और जन भागीदारी से एकत्रित कोष से किया गया है। इसका डिजाइन प्रसिद्ध शिक्षा विशेषज्ञ व हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑल्टरनेटिव्ज लद्दाख (एआईएएल) के संस्थापक सोनम वांगचुक ने तैयार किया है।

लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्म सेनगुप्ता, मेजर जनरल नागेंद्र सिंह, लोकमत समूह के एडिटर इन चीफ एवं पूर्व मंत्री राजेंद्र दर्डा की प्रमुख उपस्थिति में इस कृतज्ञता उपक्रम का लोकार्पण लोकमत समूह के एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन एवं पूर्व सांसद विजय दर्डा ने पिछले हफ्ते कारगिल विजय दिवस के मौके पर किया। 

द्रास में क्यों थी मेमोरियल होम की जरूरत

द्रास में सर्दियों में तापमान माइनस 42 डिग्री तक चला जाता है। ऐसे में जवानों को बेहद कठिन हालात का सामना करना पड़ता है। सड़कों पर बर्फ की पांच से छह फुट मोटी परत चढ़ जाती है। इन दिक्कतों को दूर करने के लिए पर्यावरण पूरक मेमोरियल होम बनाए गए हैं। इन मेमोरियल होम में तापमान 15 डिग्री से अधिक रहेगा। इसके चलते इन मेमोरियल होम में पानी भी माइनस तापमान के बावजूद नहीं जमेगा।

मेमोरियल होम के निर्माण में पर्यावरण अनुकूल व नित्य उपयोगी वस्तुओं का इस्तेमाल किया गया है। इसमें पंजाब में किसानों द्वारा फसल की कटाई के बाद फेंक दी जाने वाली पराली और लद्दाख की मिट्टी से बनी ईंटें लगाई गई हैं। एचआईएएल के चीफ ऑपरेटिंग अफसर (सीओओ) तन्मय मुखर्जी ने बताया कि ये विशेष ईंटें मेमोरियल होम के लिए इंशुलेटर का काम करती हैं।

कठिनाइयों में भी देश प्रथम

मेमोरियल होम के लोकार्पण के दौरान लोकमत समूह के एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन विजय दर्डा तथा लोकमत समूह के एडिटर इन चीफ राजेंद्र दर्डा ने अतिथि पुस्तिका में प्रशंसा वचन लिखे। विजय दर्डा ने बताया कि शहीदों के परिजनों की मदद के लिए राशि एकत्रित की गई। इसमें शहीदों के गांव में जाकर उनके बैंक खातों में भी यह राशि जमा की गई।

उन्होंने कहा, मुझे आज इस बात की खुशी है कि शून्य से 42 डिग्री सेल्सियस नीचे के तापमान में भी काम करने वाले जवानों के लिए मेमोरियल होम बनाया गया है। आप सुरक्षित रहे और स्वस्थ जीवन जिएं, इसके लिए लोकमत की ओर से हमेशा शुभकामनाएं रहेंगी।

वहीं, लोकमत समूह के एडिटर इन चीफ राजेंद्र दर्डा ने इस अवसर पर बताया कि कारगिल युद्ध के बाद लोकमत ने महाराष्ट्र में पांच स्थानों (नागपुर, औरंगाबाद, सोलापुर, लातूर और नांदेड़) में जवानों के बच्चों के लिए छात्रावास का निर्माण कराया। उन्होंने कहा कि यह सामाजिक उपक्रम लोकमत फाउंडेशन व लोकमत के करोड़ों पाठक की मदद से संभव हो सका। 

Web Title: Kargil War Memorial Home inaugurated in Dras, a special initiative of Lokmat, relief for soldiers in freezing winter

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