कंझावला हिट एंड ड्रैग केस: सुल्तानपुरी का दौरा कर रही 5 फोरेंसिक विशेषज्ञों की टीम, दिल्ली पुलिस ने दी जानकारी
By मनाली रस्तोगी | Published: January 12, 2023 12:21 PM2023-01-12T12:21:26+5:302023-01-12T12:22:37+5:30
दिल्ली पुलिस ने बताया कि गुजरात के गांधीनगर में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के पांच फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम मामले की जांच के लिए हरेंद्र के सिंह, डीसीपी, बाहरी जिले के अनुरोध पर सुल्तानपुरी का दौरा कर रही है।
नई दिल्ली: गुजरात के गांधीनगर के राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के पांच फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम मामले की जांच के लिए हरेंद्र के सिंह, डीसीपी, बाहरी जिले के अनुरोध पर सुल्तानपुरी का दौरा कर रही है। समाचार एजेंसी एएनआई ने दिल्ली पुलिस के हवाले से गुरुवार को यह जानकारी दी।
इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने कंझावला मामले में शुरूआती पीसीआर कॉल पर कार्रवाई में देरी के कारणों पर दिल्ली पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। अदालत ने मामले में छह आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने का अनुरोध करने वाले अभियोजन पक्ष के आवेदन पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।
Kanjhawala hit & drag case | A team of five forensic experts from National Forensic Science University, Gandhinagar, Gujarat is visiting Sultanpuri on the request of Harendra K Singh, DCP, Outer District to investigate the case: Delhi Police
— ANI (@ANI) January 12, 2023
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सान्या दलाल ने सोमवार को एक आदेश में कहा, "वह (संयुक्त पुलिस आयुक्त) शुरुआत में तड़के 3।24 बजे और 4।11 बजे आए पीसीआर कॉल पर कार्रवाई में हुई देरी की वजह बताते हुए रिपोर्ट सौंपें।" इस बात पर गौर करते हुए कि पहले दिन से अभी तक तमाम सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं न्यायाधीश ने पुलिस अधिकारी को निर्देश दिया कि वह घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज का संरक्षण तत्काल सुनिश्चित करे "ताकि संबंधित तकनीकी साक्ष्यों के साथ छेड़खानी से बचा जा सके।
न्यायाधीश ने कहा, "इसके अलावा घटनास्थल तथा आरोपियों द्वारा तय किए गए 12-13 किलोमीटर लंबे रास्ते पर सीसीटीवी कैमरों की उपलब्धता के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में अगली सुनवाई के दिन सौंपी जाए।" न्यायाधीश ने कहा कि रिपोर्ट में राज्य सरकार द्वारा लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की संख्या, उनमें से कितने काम कर रहे हैं और कितने बंद पड़े हैं, यह जानकारी भी होनी चाहिए।