‘संविधान बचाओ नागरिकता बचाओ महारैली’ में कन्हैया कुमार ने मोदी सरकार पर बोला हमला, कहा- दिल्‍ली में राजनीतिक दल आग लगा रहे हैं

By एस पी सिन्हा | Updated: February 28, 2020 06:07 IST2020-02-28T06:07:22+5:302020-02-28T06:07:22+5:30

सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में आयोजित महारैली में केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला.

Kanhaiya Kumar attacked the Modi government in 'Save the Constitution, Save Citizenship Maharally', says Political parties are setting fire in Delhi | ‘संविधान बचाओ नागरिकता बचाओ महारैली’ में कन्हैया कुमार ने मोदी सरकार पर बोला हमला, कहा- दिल्‍ली में राजनीतिक दल आग लगा रहे हैं

‘संविधान बचाओ नागरिकता बचाओ महारैली’ में कन्हैया कुमार ने मोदी सरकार पर बोला हमला, कहा- दिल्‍ली में राजनीतिक दल आग लगा रहे हैं

Highlightsकन्हैया ने कहा कि आज देश का युवा बेरोजगार हो रहा है और अमित शाह अपने बेटे को बीसीसीसीआई का सेक्रेट्री बना रहे हैं. कपिल मिश्रा पर देशद्रोह का मुकदमा नहीं हुआ? लेकिन कोई सच बोलेगा तो उसपर देशद्रोह का मुकदमा कर दिया जाएगा.

बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में आज भाकपा नेता कन्हैया कुमार के द्वारा आयोजित ‘संविधान बचाओ नागरिकता बचाओ महारैली’ में सामाजिक-राजनीतिक जगत की युवा हस्तियों के आलावा बालीवुड के भी कई सितारे पहुंचे. इस दौरान कन्हैया कुमार ने मंच संभालते ही केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला. सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में आयोजित महारैली में केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्‍होंने दिल्‍ली हिंसा को लेकर राजनीतिक दलों पर तंज कसा और कहा कि दिल्‍ली में राजनीतिक दल आग लगा रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि देश को अब तय करना है कि वह गांधी के साथ चलेंगे या गोडसे के साथ. 

सभा को संबोधित करते हुए कन्हैया कुमार ने कहा कि बिहार में हम धर्म की राजनीति नहीं चलने देंगे. इसके पहले छोटे से बच्चे से मंच से नारा लगवाया गया. वहीं, लोगों ने राष्ट्रगान भी गाया. जबकि, दिल्ली हिंसा के शिकार लोगों की आत्मा की शांति के लिये दो मिनट का मौन भी रखा. कन्हैया इतने पर ही नहीं रूके, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को ट्रंप का तलवा चाटनेवाला तक कह डाला. कन्हैया ने कहा कि एक तरफ गांधी को मानने वाले लोग हैं तो दूसरी तरफ ट्रंप जा तलवा चाटने वाले. कन्हैया ने केंद्र की नीतियो पर भी हमला बोला और कहा कि केंद्र सरकार बैंकों को बेचना चाहती है. सबकुछ का निजीकरण करना चाह रही है, इससे बैंक भी अछूते नहीं हैं. देश को अब तय करना है कि वह गांधी के साथ चलेगा या गोडसे के साथ. बिहार में धर्म की राजनीति नहीं चलेगी. इस दौरान कन्हैया ने विधानसभा में एनआरसी और एनपीआर पर प्रस्ताव पारित होने पर सरकार और विपक्ष दोनों को धन्यवाद दिया और कहा कि यह आंदोलन की जीत है.

कन्हैया कुमार ने ‘जन गण यात्रा’ के बारे में मौजूद लोगों को बताया. उन्होंने कहा कि उनकी ‘जन गण मन यात्रा’ किसी को नेता बनाने के लिये नहीं है. यह जनता और देश के गणतंत्र को बचाने के लिये है. उन्होंने आगे कहा कि अब देश को तय करना होगा कि वह महात्मा गांधी के साथ चलेगा या वह गोडसे के साथ है. कन्हैया ने एलान किया कि हम धर्म की राजनीति नहीं चलने देंगे. कन्हैया ने अपने संबोधन में सबसे पहले यात्रा में शामिल लोगों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि यह रैली कन्हैया की नहीं बल्कि तमाम उनलोगों की है, जो सीएए और एनआरसी जैसे काले कानून के खिलाफ लड रहे हैं. 

सबसे बड़ी बात यह है कि जब देश बचेगा तभी ना चुनाव होगा. कन्हैया ने दिल्ली के हालात पर दुख जताते हुए कहा कि तीन दिनों से सो नहीं पा रहा. आखिर देश को किस दोराहे पर लाकर खडा कर दिया गया है? उन्होंने कहा कि सरकार सीएए और एनपीआर के बहाने कन्हैया और कामरान को लडाना चाह रही है और कुछ हद तक वह अपने मकसद में कामयाब भी होती दिख रही है, लेकिन हमें सतर्क रहना है. उसकी चालाकी का जवाब हमें उसी अंदाज में देना है. सरकार हमें आपस में लडाना चाहती है. शाहीनबाग के आंदोलन को बदनाम किया जा रहा है. आज गांधी जिंदाबाद करने वाले लोगों को देशद्रोही और गोडसे जिंदाबाद करनेवाले को संसद में बैठाया जा रहा है.

कन्हैया ने कहा कि आज देश का युवा बेरोजगार हो रहा है और अमित शाह अपने बेटे को बीसीसीसीआई का सेक्रेट्री बना रहे हैं. अंग्रेजों ने साजिश के तहत देश का बंटवारा किया. इस देश में जो मुसलमान रहे वे जिन्ना के साथ नहीं गए, बल्कि गांधी के साथ रहे. लेकिन आज बडी चालाकी से गांधी जिंदाबाद कहनेवालों को देशद्रोही कहा जा रहा है. खुलेआम देश के भीतर लोगों के संवैधानिक अधिकार छीने जा रहे हैं. लेकिन, हमे उन्हें संदेश देना है कि आप हमें नफरत से डरा नहीं सकते. 

आज अंबेडकर की समानता और गांधी की महानता की जरूरत है. कपिल मिश्रा पर देशद्रोह का मुकदमा नहीं हुआ? लेकिन कोई सच बोलेगा तो उसपर देशद्रोह का मुकदमा कर दिया जाएगा. हमें आपकी बेमानी से आजादी चाहिए. उन्होंने कहा कि आज एक तरफ भगत सिंह और अंबेडकर को मामने वाले हैं तो दूसरी ओर गोडसे को माननेवाले लोग हैं. इन लोगों ने एक ऐसी टीम बना रखी है जो गोयबल्स को भी फेल कर रहा है. 

इनकी आइटी टीम मोबाइल का इस्तेमाल कर कन्हैया और कामरान को लडा रही है. हमें सिर्फ इसपर अडिग रहना है कि एनपीआर भी वापस होने तक हमें आंदोलन जारी रखना है. बिहार मांगे रोजगार, नहीं चाहिए एनपीआर. एनपीआर का गजट नोटिफिकेशन वापस नहीं हुआ है. हमें किसी सरकार से कोई उम्मीद नहीं है. कन्हैया ने लोगों से अपील की कि अपने-अपने पंचायतों से एनपीआर के खिलाफ रिजुलेशन पास करवाइए कि पंचायतों में नहीं लागू होने देंगे एनपीआर. हम जन-गण-मन यात्रा पर किसी को नेता बनाने के लिए नहीं, बल्कि जनता और गणतंत्र को बचाने के लिए निकले थे. दिल्ली में मारे गए लोग बिहार और यूपी के विस्थापित लोग थे.

इस दौरान कन्हैया ने गृहमंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा और कहा कि कहा हम डरने वाले नहीं हैं. रविशंकर पर भी साधा निशाना और कहा कि आपके बेटे ऑक्सफोर्ड मे पढते हैं. हमारा भाई मगध युनिवर्सिटी और वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी में पढते हैं जहां रिजल्ट पांच साल में निकलता है. इस पर आपको शर्म आनी चाहिए.

वहीं, कन्हैया कुमार के पहले कई सामाजिक-राजनीतिक हस्तियों ने भाषण दिया. इस दौरान सीएए, एनपीआर और एनआरसी का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की गई. इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर ने कहा कि अगर दिल्ली की तख्त को धक्का देना है तो उसकी शुरुआत बिहार से करनी होगी. आज गंगा-जमुनी तहजीब पर हमला हो रहा है. यह संकल्प देश की बुनियाद हिलाने का है. हमें आजादी के नये आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाना है. महिलाओं का संकल्प अद्भुत होता है. हमें तिरंगा और तिरंगे के रंग की रक्षा करनी है. असम में एनआरसी फेल हो चुका है. वैश्वीकरण की बात करने वाले देश में बुलाये गये श्रमिकों को बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं. सवाल पूछा कि आप बिहार की जनता के साथ हैं या बीजेपी के साथ हैं. उन्होंने ‘हिंदू-मुस्लिम सिख ईसाई, आपस में हैं बहन-भाई’ का नारा भी दिया. 

वहीं, सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रपौत्र ने कहा कि 12 मार्च से दांडी यात्रा शुरू करेंगे, हम आजादी की दूसरी लडाई लड रहे हैं. ये लडाई सिर्फ सीएए, एनपीआर और एनआरसी को वापस लेने तक नहीं, अपितु तब तक चलेगी जब तक मुल्क के जेहन में जहर डालने वाले को खत्म नहीं कर देते. यह लोग हमें बांटकर सत्ता चाहते हैं. हम आजादी की दूसरी जंग लड रहे हैं. एक दिन की लडाई में हम जंग नहीं जीत सकते हैं. देश के लिए लंबी लडाई लडनी पडी. आज हम प्रदर्शन करते हैं, धरना देते हैं तो घर लौटने का यकीन नहीं होता है. आज कोई मरता है तो पूछते हैं कि कौन मरा है? हिन्दू या मुसलमान? कहां गई हमारी इंसानियत? बापू के अहिंसा के देश में गोली मारने का आदेश दे दिया गया. बापू को भी सीने में गोली मारी गई. तुषार गांधी ने कहा, एनआरसी, सीएए और एनपीआर उन तीन गोलियों की तरह हैं जो बापू के सीने में उतार दी गई थीं. उन्होंने कहा कि तब इन लोगों ने तीन गोलियां मारकर बापू की हत्या की थी, अब ये तीन कानून उसी गोली की तरह है जिससे मुल्क का कत्ल किया जा रहा है. 

तुषार गांधी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पहला ऐसा कानून है जो पक्षपातपूर्ण है. यह हमारे संविधान की भावना के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध हो रहे हैं और इस विरोध को लेकर कई लोग समाज में नफरत फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि "सीएए और एनआरसी का विरोध करने वाले सभी लोगों को मुस्लिम या मुस्लिम समर्थक मान लिया जाता है और इसके नाम पर नफरत फैलाई जा रही है. उन्होंने कहा है कि इन दोनों कानून से अमीर लोगों को कोई फर्क नहीं पडेगा, जबकि सुदूर इलाकों और गांव में रहने वाले गरीब लोग इससे प्रभावित होंगे. इन लोगों को सरकारी अधिकारियों के सामने अपने आप को साबित करना होगा. ऐसे में इनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा कौन करेगा?

रैली में शामिल होने के लिए एसएफआई नेत्री और जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइसी घोष पहली बार पटना पहुंची. रैली को सिने अभिनेत्री स्वरा भास्कर, अभिनेता प्रकाश राज, सुशांत सिंह, निर्देशक अनुराग कश्यप, अनुभव सिन्हा संबोधित किया. इसी तरह पूर्व आईएएस अधिकारी कान्नन गोपीनाथन, जेएनयू पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, कांग्रेस विधायक शकील अहमद, चन्द्रशेखर आजाद, योगेन्द्र यादव, जिग्नेश मेवाणी, अरुधंती राय, हैदराबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष अभिषेक कुमार, तुषार गांधी के आलावा सभी वाम दलों के राज्य सचिव संबोधित किया. इसी महारैली के लिए भाकपा नेता कन्हैया कुमार पिछले 30 जनवरी से जन-गण-मन यात्रा पर विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे थे. यह यात्रा चंपारण के महात्मा गांधी के भितिहरवा आश्रम से शुरू हुई थी. रैली के लिए 26 फरवरी से ही सुदूर जिलों से लोगों का आना शुरू हो गया था. 

मंच से छोटे से बच्चे से नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद का नारा लगवाया गया. राष्ट्रीय गान गाया गया और फिर दिल्ली हिंसा के मृतकों के लिए दो मिनट का मौन रखा गया. इस दौरान कन्हैया कुमार राष्ट्र गान की पंक्तियां पूरी तरह सही नहीं गा पाए. महारैली में शामिल नेताओं ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर जहां केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर निशाना साधा गया. वहीं, शाहीनबाग का जिक्र करते हुए सीएए, एनआरसी और एनपीआर को स्वीकार नहीं करने की बात कही गई. कन्हैया की महारैली में शामिल होने से तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी राजद ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाये रखी. 

Web Title: Kanhaiya Kumar attacked the Modi government in 'Save the Constitution, Save Citizenship Maharally', says Political parties are setting fire in Delhi

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