कमलनाथ ने कहा, "हिंदू होने पर गर्व है, लेकिन मूर्ख नहीं हूं", मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, "वो भी राहुल गांधी की तरह इच्छाधारी हिंदू हैं"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 31, 2022 02:32 PM2022-05-31T14:32:02+5:302022-05-31T14:38:46+5:30
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि धर्म राजनीति का मुद्दा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वो हिंदू होने पर गर्व करते हैं लेकिन वो मूर्ख नहीं हैं। जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ भी राहुल गांधी की तरह इच्छाधारी हिंदू हैं।
भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, ''मुझे हिंदू होने पर गर्व है, लेकिन मैं मूर्ख नहीं हूं।"
कमलनाथ ने यह बात रविवार को भोपाल स्थित पार्टी दफ्तर में कही, जब वो सुप्रीम कोर्ट के नामी वकील विवेक तन्खा के राज्यसभा नामांकन के लिए सूबे के वकीलों से बात कर रहे थे।
मौजूदा सियासत और प्रदेश में रामनवमी के मौके पर हुए सांप्रदायिक तनाव की ओर इशारा करते हुए कमलनाथ ने रविवार को कहा धर्म राजनीति से परे हैं और इसका सियासी इस्तेमाल होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और छिदवाड़ा से कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद ने कहा, "धर्म मेरे लिए केवल व्यक्तिगत आस्था का प्रश्न है, इसे राजनीति से जोड़कर सवाल खड़े करना बेहद निंदनीय है।"
कमलनाथ ने आगे कहा, "धर्म राजनीतिक मुद्दा होना ही नहीं चाहिए ये विशुद्ध तौर पर व्यक्तिगत होता है और इसे परिवार अपने दायरे में अपनी आस्था के आधार पर पालन करते हैं। मैं गर्व से कहता हूं कि मैं हिंदू लेकिन मैं मूर्ख नहीं हूं कि धर्म को राजनीति के बहस का मुद्दा बनाऊं।"
इसके साथ ही कमलनाथ ने अपने संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा की एक घटना को याद करते हुए कहा कि कुछ साल पहले उन्होंने छिंदवाड़ा में एक हनुमान मंदिर में विशाल हनुमान की मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा कराया और उस धार्मिक कार्यक्रम को उन्होंने न तो राजनीतिक तौर पर प्रचारित किया और न उसे राजनीतिक कार्यक्रम बनाने का प्रयास किया।
पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान पर तीखा व्यंग्य करते हुए प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ जी राहुल गांधी की तरह इच्छाधारी हिंदू है।
मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "न तो सरकार ने और न ही भाजपा ने उन्हें (कमलनाथ) कभी मूर्ख कहा है। कांग्रेस पार्टी के आंतरिक कारणों से अगर वो ये बात कह रहे हैं तो गंभीर मसला है। वैसे कमलनाथ जी भी राहुल गांधी, की तरह चुनावी हिंदू हैं, जब चुनाव आता है तिलक, जनेऊ पहनकर वोट मांगने लगते हैं। राहुल गांधी की तरह कमलनाथ भी इच्छाधारी हिंदू हैं।"
समाचार वेबसाइट 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक मिश्रा कमलनाथ को केवल इच्छाधारी हिंदू ठहराकर ही नहीं रूके, बल्किन उन्होंने साथ में यह भी कहा, "कमलनाथ राम सेतु के मुद्दे पर खामोश रहते हैं, उनके दोस्त दिग्विजय सिंह अयोध्या में राम मंदिर पर सवाल खड़ा करते हैं तब वो खामोश रहते हैं, 1984 के दंगों पर खामोश रहते हैं और क्या-क्या बताएं उनके बारे में, यासीन मलिक पर चुप रहते हैं, ज्ञानवापी पर चुप रहते हैं। इतना पर्याप्त हैं उन्हें हिंदू सिद्ध करने के लिए“
वहीं नरोत्तम मिश्रा के हमले के बाद कमलनाथ के बचाव में कूदे राज्य कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा, "कमलनाथ जी के हिंदू और धर्म की बात का केवल एक मकसद था कि भाजपा ने धर्म को राजनीति से जोड़कर लोगों को बेवकूफ बनाने का काम किया है।"
यूपी के नेता नरेश अग्रवाल का हवाला देकर भाजपा पर हमला करते हुए अजय यादव ने कहा, "अगर भाजपा हिंदूओं के लिए इतनी ही तत्परता से विवाद कतो खड़े करती है तो वह उस नरेश अग्रवाल को अपने पार्टी कैसे शामिल करती है, जिन्होंने हिंदू देवी-देवताओं को शराब के साथ जोड़ते हुए विवादास्पद बात कही थी।
मालूम हो कि नरेश अग्रवाल ने जुलाई 2017 में राज्यसभा की बहस के दौरान कहा था कि "व्हिस्की में विष्णु बसे, रम में श्री राम, जिन में माता जानकी, ठर्रे में हनुमान।" इस बात पर उस समय भाजपा ने सदन में इतना बवाल काटा था कि नरेश अग्रवाल को लिखित माफी मांगनी पड़ी थी और बाद में वही नरेश अग्रवाल भाजपा में शामिल हो गये थे।