तमिलनाडुः छात्रा की मौत पर हुई हिंसा मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने विशेष दल बनाने का निर्देश दिया, नए सिरे से होगा पोस्टमार्टम
By अनिल शर्मा | Published: July 18, 2022 12:48 PM2022-07-18T12:48:27+5:302022-07-18T12:56:57+5:30
तमिलनाडु के कल्लाकुरिचि में रविवार एक छात्रा की मौत के बाद गुस्साए लोगों ने दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग करते हुए रविवार को कई वाहनों में आग लगा दी और पथराव किया। उन्होंने लड़की के स्कूल में तोड़फोड़ भी की।
कल्लाकुरिचिः मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को कल्लाकुरिची छात्रा की मौत पर रविवार हिंसा में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए विशेष दल बनाने का निर्देश दिया है। मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एन सतीश ने सोमवार सरकार से हिंसा में शामिल लोगों की पहचान जल्द करने और इसके लिए विशेष दल बनाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही अदालत ने मामले में नए सिरे से पोस्टमार्टम का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि तमिलनाडु के कल्लाकुरिचि में रविवार एक छात्रा की मौत के बाद गुस्साए लोगों ने दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग करते हुए रविवार को कई वाहनों में आग लगा दी और पथराव किया। उन्होंने लड़की के स्कूल में तोड़फोड़ भी की। पुलिस ने हिंसक भीड़ को काबू में करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं और निषेधाज्ञा लगा दी गयी। आसपास के इलाकों से पुलिस बल पहुंचने के बाद हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगे।
Madras High Court Justice N Sathish Kumar directs Tamil Nadu government to form special teams to identify those who indulged in violence yesterday over the Kallakurichi girl student's death.
— ANI (@ANI) July 18, 2022
Court orders a fresh autopsy in the case.
पुलिस महानिदेशक सी शैलेंद्र बाबू ने यहां संवाददाताओं से कहा कि लड़की की मौत के मामले में जांच सीबी-सीआईडी को स्थानांतरित कर दी गयी है। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि हिंसा में शामिल करीब 70 लोगों को और स्कूल प्रबंधन में वरिष्ठ पदों पर काबिज दो पुरुषों और एक महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि स्कूल के पदाधिकारियों को लड़की की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए खुफिया तंत्र की नाकामी की बात को खारिज कर दिया।
हिंसा में शीर्ष अधिकारियों समेत 52 पुलिसकर्मी घायल हो गए
हिंसा में डीआईजी (विल्लुपुरम) एम पांडियान जैसे अधिकारियों समेत 52 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। बाबू ने कहा कि पुलिस ने संयम बरता और हालात को सावधानी से संभाला। उन्होंने कहा कि हालात को इस तरह संभाला गया कि कोई जान नहीं जाए। मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और आश्वासन दिया कि दोषियों को दंडित किया जायेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने सीएम स्टालिन को ठहराया जिम्मेदार
अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने पुलिस, राज्य सरकार और जिला प्रशासन पर लापरवाही बरतने और समय रहते कदम नहीं उठाने के आरोप लगाए हैं। पलानीस्वामी ने कहा कि इसके लिए मुख्यमंत्री स्टालिन पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्कूल के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की होती तो स्थिति हाथ से बाहर नहीं जाती। भाजपा ने द्रमुक शासन को अयोग्य बताया। राज्य के गृह सचिव के फानिंद्र रेड्डी और पुलिस महानिदेशक शैलेन्द्र बाबू चेन्नई से यहां पहुंचे और लड़की के स्कूल का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि हिंसा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, गैरकानूनी रूप से एकत्रित होने और पुलिसकर्मियों पर हमला करने का मामला दर्ज किया गया है।
प्रदर्शनकारी पुलिस अवरोधकों को तोड़ते हुए स्कूल में घुस गए
पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारी चिन्नासलेम में स्थित एक इंटरनेशनल स्कूल में पुलिस के अवरोधकों को तोड़ते हुए घुस गए और उन्होंने परिसर में खड़ी बसों में आग लगा दी। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने पुलिस की एक बस में भी आग लगा दी। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने छत पर चढ़कर स्कूल के नाम का बोर्ड क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की, लेकिन थोड़ी देर में वे फिर से इकट्ठा हो गए और तोड़फोड़ की। स्थिति को काबू में करने के लिए आसपास के जिलों की पुलिस यहां एकत्र होनी शुरू हो गयी है।
पुलिस के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों का एक गुट स्कूल में घुस गया और उन्होंने स्कूल परिसर में तोड़फोड़ की। कुछ ने स्कूल के फर्नीचर और अलमारी ले गए, उन्हें तोड़ा और आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों नें पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया।
छात्रा की मौत से पहले उसके शरीर पर चोट के निशान थे
गौरतलब है कि यहां से 15 किलोमीटर दूर चिन्नासलेम में एक निजी आवासीय स्कूल में पढ़ने वाली 17 वर्षीय एक छात्रा 13 जुलाई को छात्रावास परिसर में मृत पाई गई थी। यह छात्रा छात्रावास की तीसरी मंजिल में बने कमरे में रहती थी और माना जा रहा है कि उसने सबसे ऊपर के तल से नीचे कूदकर जान दे दी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कथित तौर पर यह सामने आया है कि छात्रा की मौत से पहले उसके शरीर पर चोट के निशान थे। पुलिस ने इस सिलसिले में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। छात्रा की मौत के बाद उसके परिजन, रिश्तेदार और उसके गांव पेरिवानासालुर के लोग न्याय की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने इस मामले की जांच अपराध शाखा-अपराध जांच विभाग (सीबी-सीआईडी) से कराने और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की।
भाषा इनपुट के साथ