JNU हिंसा: कोर्ट ने मांगी Whatsapp और गूगल को मुहैया कराने वाली जानकारी, दो संदिग्धों से पूछताछ करेगी दिल्ली पुलिस
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 14, 2020 01:43 PM2020-01-14T13:43:30+5:302020-01-14T13:43:30+5:30
5 जनवरी को नकाबपोश लोगों की भीड़ ने जेएनयू परिसर में घुसकर तीन हॉस्टलों के छात्रों को निशाना बनाया था। नकाबपोशों के हाथों में लाठियां और लोहे की छड़ें थीं।
दिल्ली हाई कोर्ट ने व्हाट्सऐप और गूगल को जेएनयू हिंसा के संबंध में पुलिस द्वारा मांगी गई जानकारी संरक्षित रखने और उपलब्ध करवाने का मंगलवार को निर्देश दिया। हाई कोर्ट ने पुलिस से भी कहा कि वह उन दो व्हाट्सऐप ग्रुपों के सदस्यों के फोन नंबर जल्द से जल्द हासिल करे जिन पर पांच जनवरी को जेएनयू में हुई हिंसा का समन्वय किया गया था।
न्यायमूर्ति ब्रिजेश सेठी ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन को पुलिस द्वारा मांगे गए हिंसा के सीसीटीवी फुटेज जल्द से जल्द उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया। अदालत ने जेएनयू के प्रोफेसर अमीत परमेश्वरन, अतुल सूद और शुक्ला विनायक सावंत की ओर से दायर याचिका पर ये निर्देश दिए। याचिका में दिल्ली पुलिस आयुक्त और दिल्ली सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश देने की मांग की गई।
पांच जनवरी को नकाबपोश लोगों की भीड़ ने जेएनयू परिसर में घुसकर तीन हॉस्टलों के छात्रों को निशाना बनाया था। नकाबपोशों के हाथों में लाठियां और लोहे की छड़ें थीं। उन्होंने तीन होस्टलों में छात्रों को पीटा और परिसर में तोड़फोड़ की। इस घटना के सिलसिले में वसंत कुंज (उत्तर) पुलिस थाने में तीन प्राथमिकियां दर्ज करवाई गई हैं।
जेएनयू हिंसा: दो संदिग्धों से पूछताछ करेगी दिल्ली पुलिस
जेएनयू हमला मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा मंगलवार को दो संदिग्धों और हमले में घायल कुछ लोगों से पूछताछ करेगी। गौरतलब है कि पांच जनवरी को जेएनयू परिसर में नकाबपोश लोगों की भीड़ ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया था।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस उन लोगों से भी पूछताछ करेगी जिन्होंने हमले वाले दिन पुलिस के नियंत्रण कक्षों में फोन किए थे। उन्होंने बताया कि सुचेता तालुकदार और प्रिया रंजन समेत हमले में घायल कुछ लोगों से भी पूछताछ की जाएगी।
अपराध शाखा के अधिकारियों ने सोमवार को जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष समेत तीन छात्रों से पूछताछ की थी। घोष, तालुकदार, रंजन, दोलन सामंत, व्हा स्कर विजय मेक, चुनचुन कुमार (पूर्व छात्र) और पंकज मिश्रा के नाम संदिग्धों में शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला का दल (साइबर) साक्ष्य एकत्रित करने विश्वविद्यालय परिसर में जाएगा।