जवाहर लाल नेहरू (जेएनयू) में रविवार (05 जनवरी) की शाम को हुई हिंसा को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन देखे जा रहे हैं। इस बीच जेएनयू हिंसा के विरोध में पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सुलेखा मोड़ के पास जाधवपुर यूनिवर्सिटी में पुलिस और छात्रों के बीच झड़प होने की खबर सामने आई है।समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, जेएनयू हिंसा के विरोध में कोलकाता के सुलेखा मोड़ के पास जाधवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों और पुलिस कर्मियों के बीच झड़प देखने को मिली है। भारी संख्या में छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही साथ विश्वविद्यालय के बाहर भारी संख्या में पुलिस की तैनाती हुई है।
जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने सोमवार को आरोप लगाया कि परिसर पर हुआ हमला संगठित था। हमले में घोष भी घायल हुई हैं। घोष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह संगठित हमला था। वे लोगों को छांट-छांट कर उन पर हमला कर रहे थे। जेएनयू सुरक्षा और तोड़फोड़ करने वालों के बीच पक्का कोई साठगांठ थी। उन्होंने हिंसा रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले चार-पांच दिन से आरएसएस से जुड़े कुछ प्रोफेसर हिंसा को बढ़ावा दे रहे थे ताकि हमारे आंदोलन को तोड़ा जा सके। क्या जेएनयू और दिल्ली पुलिस से सुरक्षा मांग कर हम कोई गलती कर रहे हैं?’’
मंत्री का बयान ऐसे वक्त आया है जब प्रतिष्ठित जेएनयू में अप्रत्याशित हिंसा हुई और नकाबपोश लोगों ने लाठी-डंडों से हमला कर छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत कई विद्यार्थियों और अन्य लोगों को घायल कर दिया। वामदलों से जुड़े छात्र संगठनों और आरएसएस समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस हमले के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है।