पढ़ें कैसे पिछले तीन सालों से जेएनयू में विवादों के केंद्र बने हुए हैं कुलपति एम जगदीश कुमार
By स्वाति सिंह | Published: March 26, 2019 09:32 AM2019-03-26T09:32:07+5:302019-03-26T09:34:55+5:30
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार ने परिसर के छात्रों पर जबरदस्ती घर में घुसने और अपनी पत्नी को घंटों तक बंदी बनाए रखने का आरोप लगाया।
दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार एक बार फिर सुर्ख़ियों में हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय के छात्र जबरदस्ती उनके घर में घुस आए और उनकी पत्नी को घंटों तक बंदी बनाए रखा।
दरअसल, विश्वविद्यालय के सात छात्र इस अकादमिक सत्र से लागू हो रही प्रवेश परीक्षा के लिए ऑनलाइन प्रणाली के विरोध में पिछले एक सप्ताह से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। इसके बाद वाम संगठनों के कुछ छात्र कुलपति से मिलने की मांग करते हुए उनके घर पहुंचे थे। कुलपति ने ट्वीट किया, "आज शाम करीब सौ छात्रों ने जबरन मेरे जेएनयू आवास में तोडफ़ोड़ की और मेरी पत्नी को कई घंटों तक घर के अंदर कैद रखा, जबकि मैं एक बैठक में था। क्या यह विरोध का तरीका है? घर में एक अकेली महिला को आतंकित करना?"
वहीं, छात्रों ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। हालांकि यह कोई पहला मौका नहीं जब कुलपति सुर्ख़ियों में हैं। इससे पहले भी एम जगदीश कुमार कई बार विवादों में आ चुके हैं।
जनवरी 2016 में बने जेएनयू के कुलपति
एम जगदीश कुमार ने जनवरी 2016 में जेएनयू के कुलपति का पद संभाला था। नौ फरवरी, 2016 को जेएनयू विश्वविद्यालय परिसर में हुए एक कार्यक्रम में कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगे थे। इस मामले में जेएनयू छात्रसंघ के मौजूदा अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उनके दो साथियों उमर ख़ालिद और अनिर्बन को गिरफ़्तार किया गया था।
हालांकि तीनों बाद में ज़मानत पर छूट गए थे। लेकिन कन्हैया कुमार इससे पहले 23 दिन तक जेल में ही रहे।इस मामले को दो साल से ज्यादा हो गया है लेकिन अभी तक दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट फ़ाइल नहीं की है। कन्हैया बिहार के बेगूसराय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि शेहला राशिद ने राजनीतिक पार्टी बना ली है।
इसके बाद एम जगदीश कुमार ने जेएनयू कैम्पस के अंदर सेना से आर्मी टैंक लगाने की मांग की थी। कुलपति का कहना था कि आर्मी टैंक परिसर के अंदर लगाया जाए इससे छात्रों में देश प्रेम की भावना बढ़ेगी।
कुमार छात्रों को देशभक्त बनाने के लिए यहीं नहीं रूके। उन्होंने जेएनयू के शिक्षकों और छात्रों ने कारगिल के शहीदों के परिजन और पूर्व सैनिकों के संगठन 'वेटरंस इंडिया' के सदस्यों के साथ 2,200 फुट लंबा तिरंगा लेकर एक मार्च निकाला था और 'वॉल ऑफ' पर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। कुमार ने कार्यक्रम को 'ऐतिहासिक' बताया था।
एक बार एम जगदीश कुमार विवादों में तब आए जब उन्होंने एक सर्कुलर जारी किया था। इस सर्कुलर के मुताबिक हर छात्र का 75 फीसदी अटेंडेंस मार्क करने की बात कही गई थी। जिसके बाद छात्रों ने इस फैसले को एकैडमिक फ्रीडम और तर्कहीन बताते हुए विरोध किया था। इसके बाद छात्रों ने जमकर विरोध किया था तब कुलपति ने आरोप लगाया था कि परिसर के विधार्थियों ने शिक्षकों को बंदी बनाया है हालांकि तब भी छात्रों ने इस आरोप को खारिज किया था।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार ने आईआईटी मद्रास से अपनी मास्टर और पीएचडी की है। इसके अलावा वह उपकरण मॉडलिंग और सिमुलेशन, अभिनव उपकरण डिजाइन और बिजली सेमी कंडक्टर उपकरणों के में काम कर चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने अब तक चार किताबें पब्लिश की है और 180 से ज्यादा आर्टिकल लिख चुके हैं।