'अगर आपका विरोध प्रदर्शन सही मुद्दे पर था तो आपने अपना चेहरा क्यों छिपाया', जेएनयू हिंसा पर कुलपति जगदीश कुमार ने रखे अपने विचार

By पल्लवी कुमारी | Published: January 15, 2020 09:23 AM2020-01-15T09:23:03+5:302020-01-15T09:23:03+5:30

जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने 14 जनवरी को कहा कि कई स्कूलों में नए सेमेस्टर के लिए कक्षाएं शुरू हो गई हैं और परिसर में ‘‘शांति’’ है। हालांकि फीस वृद्धि को लेकर अभी भी छात्रों और शिक्षकों का एक वर्ग कक्षाओं में नहीं आ रहा है।

JNU VC M Jagadesh Kumar On volionce If your protest is genuine, why would you hide your face | 'अगर आपका विरोध प्रदर्शन सही मुद्दे पर था तो आपने अपना चेहरा क्यों छिपाया', जेएनयू हिंसा पर कुलपति जगदीश कुमार ने रखे अपने विचार

जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति एम जगदीश कुमार (फाइल फोटो)

Highlightsजवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ ने मांग की थी कि कुलपति एम जगदीश कुमार को हटाया जाए और वह जल्द से जल्द इस्तीफा दें।5 जनवरी 2020 को जेएनयू में कुछ नकाबपोश प्रदर्शनकारी घुसे थे, जिसमें कई छात्र और शिक्षक घायल हुए थे। मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है।

जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति एम जगदीश कुमार ने परिसर में पांच जनवरी को हुई हिंसा पर कहा है कि गर आपका विरोध प्रदर्शन सही मुद्दे पर था तो विरोध करने वालों ने अपना चेहरा क्यों छिपाया था। एम जगदीश कुमार ने कहा, यदि आपका विरोध वास्तविक है और यदि यह उचित कारण के लिए है, तो क्या कारण है कि आपको अपने चेहरे को छिपाना पड़ा। किससे बचने की कोशिश कर रहे थे? एम जगदीश कुमार ने कहा, ये कुछ वह सवाल हैं जो मैंने प्रदर्शनकारी छात्रों के सामने रखा है। उन्होंने कहा कि हम पांच जनवरी को हुई हिंसा का  सीसीटीवी डेटा एकत्र करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं क्योंकि कई वह किसी वजह से खराब थे और कुछ कैमरों को आंदोलनकारी छात्रों को नुकसान पहुंचाया था। 

इंडियन एक्सप्रेस के बात करते हुए कुलपति एम जगदीश कुमार ने कहा, "मैंने हमेशा माना है कि किसी मुद्दे पर आंदोलन करना या अपनी आवाज उठाना हमारे छात्रों का एक मौलिक अधिकार है। वास्तव में हमने विश्वविद्यालय में इसके लिए एक अलग से जगह भी बनाई है, जहां कोई भी धरना या विरोध प्रदर्शन किया जा सकता है।''

अपने ऊपर लगे आरोपों पर क्या कहा जेएनयू के वीसी जगदीश कुमार ने?

जगदीश कुमार ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर कहा, पुलिस द्वारा गठित जांच समिति के समक्ष सारे मामले हैं। लेकिन, यह आरोप कि हमने पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी है, पूरी तरह से गलत है। मैं पाँच जनवरी को सुबह 9:30 बजे से दफ्तर में था। लगभग 4:30 बजे हमने संकाय चयन समिति की बैठक समाप्त की। यही कारण है कि जब मुझे सूचना मिली कि 100 या 120 के आसपास छात्रों का एक समूह शायद हिंसक रूप हॉस्टल की ओर बढ़ रहे हैं, हमने तुरंत अपने सुरक्षा गार्ड वहां भेजे। आपको यह समझना होगा कि हमारे सुरक्षा गार्ड पूर्व सैनिक हैं, वे उच्च प्रशिक्षित और प्रतिबद्ध लोग हैं और जब वे स्थिति का आकलन करते हैं, तो पांच बजे के आसपास उन्हें पता चलता है कि छात्र आक्रामक हो रहे थे और छात्रों की संख्या बढ़ रही थी। तभी हमने पुलिस बुलाने का फैसला किया। मैंने खुद पुलिस आयुक्त को फोन किया, पुलिस को लाने और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए डीसीपी और एसीपी और पुलिस स्टेशन को बुलाया। इसलिए, अगर कोई कहता है कि हमने समय पर कार्रवाई नहीं की या हमने कार्रवाई में देरी की, तो मुझे लगता है कि यह पूरी तरह से गलत है।

जेएनयू के वीसी जगदीश कुमार के इस्तीफे की उठी थी मांग

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ ने मांग की थी कि कुलपति एम जगदीश कुमार को हटाया जाए और वह जल्द से जल्द इस्तीफा दें। छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा था, “जेएनयू के कुलपति के इस्तीफे की हमारी मांग कायम है। हम सलाहकारों और पदाधिकारियों की एक बैठक बुलाएंगे और फैसला करेंगे कि प्रदर्शन वापस लेना है या नहीं। हमनें अपनी बात रख दी है और अंतिम फैसले के लिये मंत्रालय के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।” 

परिसर में शांति है : जेएनयू प्रशासन

जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने 14 जनवरी को कहा कि कई स्कूलों में नए सेमेस्टर के लिए कक्षाएं शुरू हो गई हैं और परिसर में ‘‘शांति’’ है। हालांकि फीस वृद्धि को लेकर अभी भी छात्रों और शिक्षकों का एक वर्ग कक्षाओं में नहीं आ रहा है। जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने एक बयान में कहा कि विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और प्रशासनिक शाखाओं ने 14 जनवरी को सामान्य तरीके से काम किया और परिसर में भी शांति रही। छुट्टियों या ‘असाइनमेंट’ के कारण बाहर गए हुए छात्रों की सुविधा के लिए पंजीकरण की तिथि 15 जनवरी तय कर दी है। जेएनयू छात्र संघ ने छात्रों से अगले फैसले तक पंजीकरण का बहिष्कार जारी रखने और शैक्षणिक गतिविधियां बंद रखने को कहा है। 

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