फीस बढ़ोतरी के मुद्दे पर जेएनयू वीसी को HRD से मिला था इस्तीफे का अल्टीमेटम, हो गया सचिव का तबादला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 9, 2020 09:58 AM2020-01-09T09:58:08+5:302020-01-09T09:58:08+5:30
रिपोर्ट के मुताबिक 11 दिसंबर को एचआरडी ने कहा था कि शांति बहाली के लिए समझौते के फॉर्मूले को मान लीजिए या इस्तीफा दे दीजिए। लेकिन अगले ही दिन उच्च शिक्षा सचिव आर सुब्रमण्यम का तबादला हो गया।
जवाहर लाल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार को एक महीने पहले ही इस्तीफे का अल्टीमेटम मिल चुका था। इंडियन एक्सप्रेस ने विश्वस्त सूत्रों के हवाले से ये रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट के मुताबिक 11 दिसंबर को एचआरडी ने कहा था कि शांति बहाली के लिए समझौते के फॉर्मूले को मान लीजिए या इस्तीफा दे दीजिए। लेकिन अगले ही दिन उच्च शिक्षा सचिव आर सुब्रमण्यम का तबादला हो गया।
मंत्रालय के प्रस्तावित फॉर्मूले के मुताबिक जेएनयू प्रशासन सिर्फ कमरे का किराया बढ़ाएगा। सर्विस और यूटिलिटी चार्ज यूजीसी द्वारा वहन किया जाएगा। बदले में छात्र अपना आंदोलन समाप्त करेंगे और विश्वविद्यालय प्रशासन से बात करेंगे। शैक्षिक सत्र को हुए नुकसान की भरपाई के लिए जेएनयू से दो हफ्ते का वक्त बढ़ाने को भी कहा गया था साथ ही यूनिवर्सिटी को छात्रों के खिलाफ दर्ज कराई गई पुलिस शिकायतें भी वापस लेने का सुझाव दिया गया था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक वीसी जगदीश कुमार इस समझौते पर तैयार हो गए थे लेकिन एक दिन बाद उन्होंने पलटी मार ली। 13 दिसंबर को सचिव सुब्रमण्यम का तबादला हो गया और उनकी जगह सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे ने ले ली। इत्तेफाक से हाल ही में नकाबपोशों के हमले की घटना के बाद वीसी ने सचिव से मुलाकात की। इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि इस्तीफे उनके पद को और मजबूत करेगा।
एचआरडी से सुब्रमण्यम के तबादले के बाद जेएनयू प्रशासन ने सर्विस और यूटिलिटी चार्ज तो वापस लिया लेकिन समझौते के फॉर्मूले के अन्य किसी बिंदु को लागू नहीं किया। इस मामले पर तत्कालीन सचिव सुब्रमण्यम ने प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है।
बुधवार को नए सचिव अमित खरे से वीसी ने मुलाकात की। उन्हें मीडिया और शिक्षकों से सीधा संवाद करने का सुझाव दिया गया है। वीसी को यह भी सुझाव दिया गया कि वो नए सेमेस्टर के रजिस्ट्रेशन की तारीख बढ़ा दें। आपको बता दें कि जेएनयू के छात्र फीस बढ़ोतरी के मुद्दे पर 28 अक्टूबर से प्रदर्शन कर रहे हैं।