दिल्ली स्थित जवाहर लाल विश्वविद्यालय (जेएनयू) में करीब पखवाड़े भर से फीस वृद्धि और अन्य सुविधाओं को लेकर चल रहा विरोध अब प्रदर्शन में तब्दील हो और तूल पकड़ता जा रहा है। बुधवार (13 नवंबर) को भी छात्रों का प्रदर्शन जारी रहा है। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों को तख्तियां और बैनर लिए प्रदर्शन करते हुए देखा गया। एक सूचना बोर्ड नजर आया जिसमें प्रदर्शनों को प्रतिबंधित करने को लेकर लिखी अधिसूचना के ऊपर विरोध स्वरूप अंग्रेजी में वीसी रिजाइन लिखा देखा गया।
जेएनयू के ये छात्र खासकर मसौदा छात्रावास नियमावली को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों का दावा है कि इसमें शुल्क वृद्धि, ड्रेस कोड और कर्फ्यू के समय को लेकर प्रावधान हैं।
इस नियमावली के बारे में कहा गया था कि यह बुधवार को कार्यकारी परिषद की बैठक में चर्चा के बाद लागू की जाएगी। जेएमयू के छात्रों ने मीडिया को बताया कि अभी छात्रावास के लिए ढाई हजार रुपये फीस देनी होती है जोकि बढ़ाकर 4200 रुपये की जा रही है, जिसमें 1700 रुपये सेवाशुल्क के तौर पर जोड़े गए हैं। फीस में बिजली, सफाई और पानी की फीस भी जोड़ी गई है।
छात्र मसौदा छात्रावास नियमावली को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। वहीं, छात्रावास सिक्यॉरिटी के लिये ली जाने वाली राशि को 5500 रुपये से बढ़ाकर 12000 रुपये कर दी गई है, जिसे बाद में वापस करने का प्रावधान है।
वहीं, सिंगल-सीटर रूम का किराया 20 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 600 रुपये प्रति माह कर दिया गया है, जबकि डबल-सीटर रूम का किराया 10 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये प्रति माह किया गया है।
बता दें कि जेएनयू में छात्रों को प्रदर्शन को देखते हुए भारी पुलिसबल तैनात किया गया है। मंगलवार को पुलिस के साछ छात्रों के झड़प की खबर भी आई थी। मामला तब राष्ट्रीय स्तर की सुर्खियों में आ गया था जब बीते सोमवार को केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के साथ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) गए थे।
छात्रों के प्रदर्शन के चलते निशंक करीब छह घंटे तक फंसे रहे थे और उन्हें उस दिन अपने दो कार्यक्रम को रद्द करने पड़े थे।