जेएनयू में सख्त हुए नियम, 75% से कम हुई हाजिरी तो नहीं दे पाएंगे परीक्षा
By कोमल बड़ोदेकर | Published: January 12, 2018 10:33 AM2018-01-12T10:33:52+5:302018-01-12T10:49:59+5:30
सर्कुलर के मुताबिक शीतकालीन सत्र 2018 से अनिवार्य उपस्थिति सभी विभागों जैसे बीए, एमए, एमफिल और पीएचडी के छात्र-छात्राओं के लिए जरूरी होगी।
नई दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं के लिए एक सर्कुलर जारी कर 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस संबंध में बीती 22 दिसंबर को जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया है कि अकादमिक काउंसिल ने एक दिसंबर को आयोजित अकादमिक काउंसिल की 144वीं बैठक में सभी पंजीकृत छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
सर्कुलर के मुताबिक शीतकालीन सत्र 2018 से अनिवार्य उपस्थिति सभी विभागों जैसे बीए, एमए, एमफिल और पीएचडी के छात्र-छात्राओं के लिए जरूरी होगी। वहीं इसमें कहा गया है कि पार्ट टाइम प्रोग्राम से जुड़े छात्रों के लिए मिनिमम 60 फीसदी अटेंडेंस जरुरी होगी।
पर्यवेक्षक की अनुमति के बिना एमफिल और पीएचडी छात्र 30 दिनों की अकादमिक छुट्टी नहीं ले सकेंगे। वहीं इस मामले में जेएनयू शिक्षक संगठन ने प्रशासन के इस फैसले को अर्थहीन बताते हुए इसका बहिष्कार करने के लिए कहा है।