40 वर्षीय कश्मीरी पंडित सरपंच अजय पंडिता उर्फ भारती की आतंकवादियों ने सोमवार को अनंतनाग में गोली मारकर हत्या कर दी। अजय पंडिता लार्कीपोरा के लुकवाबन गांव के सरपंच थे, उन पर आतंकियों ने सोमवार शाम 6 बजे के करीब हमला किया था। पुलिस ने बताया कि भारती कांग्रेस से जुड़े हुए थे। गोली लगने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन वह बच नहीं सके।
स्थानीय लोगों ने बयाता कि सरपंच का परिवार 1990 के दशक में दक्षिण कश्मीर से पलायन कर चुका था लेकिन दो साल पहले घाटी वापस पहुंचा। उसके बाद अजय पंडिता ने पंचायत चुनावों में भी हिस्सा लिया। सरपंच के हत्यारों को पकड़ने के लिए पुलिस और सेना सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
सभी पार्टियों ने सरपंच की हत्या की निंदा की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने पार्टी के ग्रासरूट कार्यकर्ता के वीभत्स हत्या की निंदा की है। राहुल ने ट्वीट किया, "अजय पंडिता के परिवार और मित्रों के प्रति मेरी संवेदना है, जिन्होंने कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए अपनी शहादत दी। दुख के समय हम उनके साथ हैं। हिंसा कभी जीत नहीं सकती।"
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, यह देशविरोधी तत्वों द्वारा जमीनी लोकतंत्र को खत्म करने का खतरनाक प्रयास है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार जम्मू-कश्मीर में लागू करने का प्रयास किया है। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी जमीनी राजनीतिक कार्यकर्ता पर आतंकी हमले की निंदा की है।
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती जो अपनी मां का सोशल मीडिया अकाउंट भी देखती हैं, उन्होंने ट्वीट किया कि यह दोतरफा हमला है जिसने सरकार को भी निशाना बनाया। उन्होंने ट्वीट किया, "परिवार के प्रति संवेदना है। कश्मीर में राजनीतिक स्पेस सिकुड़ने से पार्टी के कार्यकर्ता और अधिक कमजोर हो गए हैं। वे एक प्रतिशोधी सरकार और आतंकवादियों के दंडात्मक कार्यों के बीच फंस गए हैं।"
जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने कहा है कि भारती के पास कोई सुरक्षा कवर नहीं थी। उन्होंने इस हत्याकांड के न्यायिक जांच की मांग की।