जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कठुआ में कहा, ''देशवासियों की नजर में राज्यपाल एक ऐसा आदमी है जो गोल्फ खेलता है और लोगों के लिए कुछ नहीं करता है, वह अपने कार्यकाल के दौरान खाली आराम करता है लेकिन पिछले एक वर्ष में हमने जितना काम किया है, मुझे नहीं लगता है कि एक चुनी हुई सरकार भी उतना करती है।''
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक अक्सर अपने बयानों के लिए सुर्खियों में रहते हैं। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों के हटाने के साथ ही नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा स्थानीय नेताओं को नजरबंद किया गया था। उन नेताओं को लेकर हाल में सत्यपाल मलिक ने अपने एक बयान में कहा था, ‘‘क्या आप नहीं चाहते हैं लोग नेता बनें। मैं 30 बार जेल गया हूं। जो लोग जेल जाते हैं, वे नेता बनते हैं। उन्हें वहां रहने दें। जितना ज्यादा वक्त वे जेल में बिताएंगे, चुनाव प्रचार के समय उतना ही वे दावे कर पाएंगे। मैंने छह महीने जेल में गुजारे हैं।’’ उन्होंने आगे कहा था, ‘‘ इसलिए अगर आपको उनसे हमदर्दी है, तो उन्हें हिरासत में लेने से दुखी नहीं हों। वे सभी अपने घरों में हैं। मैं आपातकाल के दौरान फतेहगढ़ जेल में था जहां पहुंचने में दो दिन लगते थे। अगर किसी मुद्दे पर किसी को हिरासत में लिया जाता है और उसकी मर्जी है तो वह राजनीतिक लाभ लेगा।’’
बीती जुलाई में आतंकवादियों को लेकर सत्यपाल मलिक के बयान ने देशभर का ध्यान खींचा था। उन्होंने लद्दाख संभाग के करगिल में एक पर्यटन कार्यक्रम में कहा था, ‘‘ये लड़के जिन्होंने हथियार उठाये हैं वे अपने ही लोगों की हत्या कर रहे हैं, वे पीएसओ (निजी सुरक्षा अधिकारियों) और एसपीओ (विशेष पुलिस अधिकारियों) की हत्या कर रहे हैं। इनकी हत्या क्यों कर रहे हो? उनकी हत्या करो जिन्होंने कश्मीर की सम्पदा लूटी है। क्या तुमने इनमें से किसी मारा है?’’ सत्यपाल मलिक के इस बयान के बाद जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं ने निंदा की थी उसे गरिमा के खिलाफ बताया था।