राम का चरित्र है काल्पनिक, राम ने शबरी के जूठे बेर खाए क्या आज कोई सवर्ण खाएगा: जीतम राम मांझी

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 15, 2022 03:18 PM2022-04-15T15:18:31+5:302022-04-15T19:11:06+5:30

बिहार में भाजपा-जदयू गठबंधन में शामिल जीतनराम मांझी ने कहा कि तुलसीदास और वाल्मीकि ने एक सुंदर रचना की है, जिसमें राम के रूप में बहुत अच्छे चरित्र का वर्णन है।

Jitan Ram Manjhi said, 'Does not believe in Ram, he was not a God' | राम का चरित्र है काल्पनिक, राम ने शबरी के जूठे बेर खाए क्या आज कोई सवर्ण खाएगा: जीतम राम मांझी

राम का चरित्र है काल्पनिक, राम ने शबरी के जूठे बेर खाए क्या आज कोई सवर्ण खाएगा: जीतम राम मांझी

Highlightsबिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि राम भगवान नहीं थेमांझी ने राम को रामचरित मानस और रामायण में लिखित एक पात्र भर बताया उन्होंने कहा कि वो राम में विश्वास नहीं रखते हैं और उन्हें भगवान नहीं मानते हैं

पटना: "राम भगवान नहीं थे, वो तुलसीदास और वाल्मीकि की रचना के पात्र भर थे।" ये कहना बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी ने राम के अस्तित्व को नकारते हुए उन्हें एक पुस्तक की रचना में परिभाषित किये जाने वाले पात्र के तौर पर बताते हुए कहा कि वो राम में विश्वास नहीं रखते हैं और उन्हें भगवान नहीं मानते हैं।

बिहार में भाजपा-जदयू गठबंधन में शामिल मांझी ने कहा कि तुलसीदास और वाल्मीकि ने एक सुंदर रचना की है, जिसमें राम के रूप में बहुत अच्छे चरित्र का वर्णन है। बिहार में भाजपा के सहयोगी जीतनराम माझी ने यह बात बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में गुरुवार को कही।

समाचार चैनल एनडीटीवी के मुताबिक मांझी ने समाज में फैले जातिगत विषमताओं पर प्रहार करते हुए कहा, "यदि आप राम में विश्वास करते हैं, तो राम ने शबरी के जूठे किये बेर को खाया था, क्या आज कोई सवर्ण ऐसा कर सकता है। हमारा जूठा कोई नहीं कायेगा लेकिन हमारे द्वारा पैदा किये अनाज से सभी का पेट भरता है।"

ब्राह्मणी और सामंती व्यवस्था पर चोट करते हुए जीतनराम मांझी ने कहा कि इस दुनिया में सिर्फ दो ही जातियां हैं, उनमें से एक अमीर है और दूसरा गरीब है। इसके साथ ही माझी ने ब्राह्मणों द्वारा दलितों के साथ किये जाने वाले भेदभाव का भी जिक्र किया गया।

इससे पहले अक्टूबर 2021 में भी जीतनराम मांझी ने दिल्ली में आयोजित हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी राम पर विवादित टिप्पणी करते हुए कहा था कि राम से कई गुना महान संत थे वाल्मीकि और राम वाल्मीकि की रचना के चरित्र मात्र थे। इसके साथ ही मांझी ने कहा था कि वाल्मीकि की 'रामायण सत्य पर आधारित नहीं है और वो राम को देवता मानने से इनकार करते हैं।

उस समय भी मांझी की इस टिप्पणी पर काफी विवाद हुआ था, जिसके बाद मांझी ने कहा था कि राम को लेकर उनके निजी विचार हैं और इससे किसी को दुखी नहीं होना चाहिए। 

मालूम हो कि बाबा साहब की जयंती पर राम को लेकर की गई टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब दिल्ली के जेएनयू से लेकर गुजरात, मध्य प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल में रामनवमी को लेकर हिंसक झड़पें हुई हैं। रामनवमी जुलूस के दौरान हुई हिंसा में कुल दो की मौत हो गई और दर्जनों लोगों के घायल होने की सूचना है। 

Web Title: Jitan Ram Manjhi said, 'Does not believe in Ram, he was not a God'

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