Jharkhand Ropeway Accident: त्रिकूट पहाड़ रोपवे हादसे में फंसे सभी 46 लोगों को निकाला, तीन की मौत, हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान 

By एस पी सिन्हा | Published: April 12, 2022 03:03 PM2022-04-12T15:03:53+5:302022-04-12T15:05:00+5:30

Jharkhand Ropeway Accident: वायु सेना, सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा बचाव अभियान जारी रहा.

Jharkhand Ropeway Accident Cable Car Rescue 46 rescued, 3 dead in 42-hour-long High court orders inquiry see video | Jharkhand Ropeway Accident: त्रिकूट पहाड़ रोपवे हादसे में फंसे सभी 46 लोगों को निकाला, तीन की मौत, हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान 

त्रिकूट पहाड़ियों की कई चोटियां हैं, जिनमें सबसे ऊंची चोटी समुद्र तल से 2,470 फुट और जमीन से लगभग 1500 फुट की ऊंचाई पर है.

Highlightsट्रॉलियां 1500 फुट तक की ऊंचाई पर लटकी थीं.त्रिकूट रोपवे भारत का सबसे ऊंचा रोपवे है.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुर्घटना की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा की.

देवघरः झारखंड के देवघर स्थित त्रिकूट पहाड़ रोपवे हादसे में फंसे सभी 46 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. इस दौरान तीन लोगों की मौत हो गई. इसके साथ ही आज मंगलवार को तीसरे दिन रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो गया.

आज एयरलिफ्ट के दौरान एक महिला गिर गई. ऐसे में छठी लाल साह के परिवार के लिए अमंगल साबित हुआ. 43 घंटे से रोपवे के केबिन में फंसी छठी लाल साह की पत्‍नी शोभा देवी दोपहर करीब 12 बजे रेस्‍क्‍यू किए जाने के क्रम में डेढ़ हजार फीट नीचे गिर गईं. जिसे सदर हॉस्पिटल लाया गया है. 

एनडीआरएफ के अनुसार महिला की सांसें चल रही हैं. ये महिला देवघर की ही है. उधर, सोमवार को मृतक राकेश के परिजन उसकी मौत से आक्रोशित हैं. परिजनों ने सडक जाम कर दिया है. त्रिकुट पहाड जाने के चौराहे को मृतक राकेश के परिजनों ने जाम कर दिया है. इसतरह से हादसे के करीब 42 घंटे बाद रोपवे में फंसे 46 लोगों को बचाया जा चुका है.

आज सुबह छह बजे से ही इंडियन एयरफोर्स समेत आइटीबीपी व सेना के जवान और एनडीआरएफ की टीम के साथ स्‍थानीय लोग रोपवे में फंसे लोगों को बचाने की जद्दोजहद में जुटी थी. इसबीच, झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ रवि रंजन व न्यायमूर्ति एसएन प्रसाद की अदालत ने देवघर में रोपवे हादसे पर मीडिया में आई खबरों पर स्वतः संज्ञान लिया है.

अदालत ने झारखंड सरकार से पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी है. अदालत ने कहा कि वर्ष 2009 में इस तरह की गडबडी हुई थी. लेकिन उससे सबक नहीं लिया गया और दोबारा घटना हुई है. कोर्ट ने इस मामले की जांच रिपोर्ट 25 अप्रैल तक अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है. इस दौरान झारखंड सरकार की ओर महाधिवक्ता ने कहा कि मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए है.

बचाव एवं राहत कार्य जोरों पर है. अब कुछ लोग ही फंसे हैं, जिन्हें निकाला जा रहा है. उल्लेखनीय है कि देवघर में रोप-वे का सैप (पुल्ली) टूट जाने से हादसा हुआ था. इसी पुल्ली के सहारे तार पर केबिन सरकते हैं. इसके टूटने से दो केबिन आपस में टकरा गए.

वहीं, घटनास्थल पर मौजूद कई लोगों का कहना था कि रोप-वे का रखरखाव यदि ठीक होता तो यह हादसा नहीं होता. समय-समय पर रोप-वे की जांच होनी चाहिए. जिस रोपवे से इंसान जाते हैं, उसका सैप टूटना बताता है कि कहीं न कहीं खामी है. उसमें कोई न कोई कमी रही होगी, तभी वह टूटा. उसकी समय पर जांच होती तो कमी पकड़ में आ जाती.

Web Title: Jharkhand Ropeway Accident Cable Car Rescue 46 rescued, 3 dead in 42-hour-long High court orders inquiry see video

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