Jharkhand Results: 2014 चुनाव में झारखंड की जनता ने पलट दिया था सारा गणित, जब चार पूर्व मुख्यमंत्रियों की हुई हार
By आदित्य द्विवेदी | Published: December 23, 2019 09:06 AM2019-12-23T09:06:20+5:302019-12-23T09:06:20+5:30
साल 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में भाजपा को 81 सदस्यीय विधानसभा में 37 सीटें मिली थीं, आजसू को पांच, झामुमो को 19, कांग्रेस को छह, झाविमो को आठ सीटें मिली थीं।
झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 के लिए मतगणना जारी है। झारखंड विधानसभा चुनाव अक्सर ऐसे नतीजे पेश कर देता है जिससे बड़े-बड़े चुनावी पंडित भी चकरा जाते हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव भी इससे कुछ अलग नहीं थे। इस चुनाव में चार मुख्यमंत्री- अर्जुन मुंडा, बाबूलाल मरांडी, मधु कोड़ा और हेमंत सोरेन अपने पारंपरिक गढ़ से चुनाव हार गए। इतना ही नहीं एक उप-मुख्यमंत्री सुदेश महतो को भी मतदाताओं ने नकार दिया था।
अर्जुन मुंडा
बीजेपी से तीन बार के मुख्यमंत्री और आदिवासी नेता अर्जुन मुंडा को खरसवां आरक्षित विधानसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा था। इससे पहले मुंडा इस सीट पर जेएमएम और बीजेपी के टिकट पर चार बार चुनाव जीत चुके थे। उन्हें जेएमएम के दसरथ गगरई ने 12 हजार वोट के मार्जिन से हराया। मुंडा की ये शर्मनाक हार ऐसे वक्त में हुई जब बीजेपी मोदी लहर पर सवार थी।
बाबूलाल मरांडी
झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, जो कभी बीजेपी और आरएसएस के कद्दावर नेता माने जाते थे। उन्होंने अपनी नई पार्टी जेवीएम-पी का गठन किया। मरांडी ने 2014 में गिरिडीह और धनवर सीटों से चुनाव लड़ा लेकिन दोनों सीटों पर उनकी शर्मनाक हार हुई। गिरिडीह सीट पर बीजेपी के निर्भय कुमार जीते और दूसरे नंबर पर जेएमएम रही। बाबूलाल मरांडी तीसरे नंबर पर आए। वहीं धनवर सीट पर भी मरांडी को सीपीआई(एमएल) के राज कुमार ने 11 हजार वोट के अंतर से हराया। हालांकि इस चुनाव में बाबूलाल मरांडी की पार्टी आठ सीटें जीतने में कामयाब रही थी।
हेमंत सोरेन
पूर्व मुख्यमंत्री और जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन भी दो सीटों पर चुनाव लड़े- बरहैट और दुमका। दुमका सीट पर उन्हें बीजेपी के लोइस मरांडी ने 10 हजार वोट से हराया। हालांकि बरहैट सीट जीतकर हेमंत सोरेन ने अपनी इज्जत बचाई।
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा मजगांव आरक्षित सीट से चुनाव हार गए थे। उन्होंने जेएमएम के नीरल पूर्ती ने 11 हजार वोट के अंतर से हराया। इसके अलावा पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुदेश महतो भी अपनी पारंपरिक सिल्ली सीट से हार गए थे। इस सीट पर उन्होंने लगातार तीन बार जीत हासिल हुई थी। 2014 विधानसभा चुनाव में उन्हें जेएमएम के अमित महतो ने करीब 30 हजार वोट के बड़े अंतर से हराया था।
झारखंड विधानसभा की 81 विधानसभा सीटों के लिए 23 दिसंबर (सोमवार) को मतगणना हो रही है। झारखंड में 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच कुल पांच चरणों में मतदान का काम पूरा हुआ था। उसके बाद आए एग्जिट पोल में त्रिशंकु विधानसभा का अनुमान लगाया गया है जहां मतदाताओं का झुकाव कांग्रेस-जेएमएम-आरजेडी गठबंधन की तरफ ज्यादा है। बीजेपी को 22-32 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।