रांचीः झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी समाप्त करने की अनुशंसा के बाद कांग्रेस विधायकों में भगदड मच सकती है। इसका कारण यह है कि कैश कांड में शामिल कांग्रेस के तीन विधायक डॉ इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप के खिलाफ दलबदल की शिकायत विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो से पार्टी ने की है।
कांग्रेस की शिकायत पर विधानसभा अध्यक्ष ने कोलकाता में रह रहे तीनों विधायकों को नोटिस भी जारी कर दी है। झारखंड के राजनीतिक गलियारों में ऐसे सवालों की जमकर चर्चा हो रही है। यह भी दावा किया जा रहा कि विधायकी खत्म होने के बाद हेमंत सोरेन जैसे ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे, कांग्रेस में भगदड़ की सूचना सामने आ सकती है।
झारखंड कांग्रेस अलर्ट मोड में आ गई है। यही वजह है कि कांग्रेस ने अपने तीनों निलंबित विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद करने की अनुशंसा कर दी है। बताया जाता है कि एक सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष ने तीनों आरोपी विधायकों को अपना पक्ष रखने को कहा है। विधानसभा अध्यक्ष ने अपने अधिवक्ता या मेल के माध्यम से जवाब विधानसभा को भेजने का निर्देश दिया है।
इसके बाद कांग्रेस में भगदघ की स्थिती उत्पन्न होने की आशंका जताई जाने लगी है। कहा जा रहा है कि क्या कांग्रेस में टूट होने वाली है? क्या यही वजह है कि कांग्रेस ने अपने तीन निलंबित विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश विधानसभा अध्यक्ष से कर दी है? क्या कांग्रेस के विधायक भाजपा के संपर्क में हैं?
पार्टी विधायक भूषण बाड़ा, शिल्पी नेहा तिर्की और अनूप सिंह की शिकायत पर पार्टी विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने तीनों विधायकों पर पार्टी विरोधी होने के कारण दलबदल मामला चलाने का आग्रह विधानसभा अध्यक्ष से किया है। इसे पार्टी के विधायकों की कूद-फांद रोकने के लिए अचूक हथियार माना जा रहा है।
शिकायत करने वाले पार्टी विधायकों ने कहा है कि इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप ने भाजपा में शामिल होने के लिए 10 करोड रुपये और मंत्री पद का ऑफर किया था। विधायकों ने पार्टी से कहा है कि कैश कांड में फंसे विधायकों ने फोन पर कहा था कि हेमंत सरकार से छोड़ कर इधर आ जाएं। विधायकों की शिकायत को पार्टी ने गंभीरता से लिया है।
पार्टी का मानना है कि यह दूसरे दल में शामिल होने की गतिविधि है। पार्टी विरोधी काम है। पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष को बताया है कि इन विधायकों के पास से कैश बरामद भी हुए हैं। इधर, निलंबित तीनों विधायकों ने कहा है कि जिस आरोप में नोटिस दिया गया है वह गलत है। उनपर जो आरोप लगाए गए हैं वे भी बेबुनियाद हैं। वे तीनों एक सितंबर को अपना जवाब विधानसभा अध्यक्ष को दे देंगे।